I Love Muhammad: उत्तर प्रदेश के सपा नेता आजम खान ने हाल ही में “आई लव मोहम्मद” विवाद और बरेली में हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन की भूमिका, बातचीत की अहमियत और आपसी सौहार्द बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है।
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विवाद के पीछे की सच्चाई
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कहा कि “आई लव मोहम्मद” को लेकर जो विवाद और उससे जुड़ी हिंसा हुई, वह एक छोटी सी बात को बड़ा बनाने जैसा है। उनका कहना है कि अगर जिला प्रशासन और सरकार समय रहते बातचीत कराती, तो इस मामले को बिना किसी तनाव के सुलझाया जा सकता था। उन्होंने प्रशासन की नाकामी पर हैरानी जताई कि कैसे इतनी मामूली बात पर इतना बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आजम खान के अनुसार, मामले को समझदारी और संवाद के जरिए ही हल किया जाना चाहिए था, न कि कार्रवाई या दबाव के जरिए।
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समाधान की कुंजी क्या है?
आजम खान ने कहा कि चाहे विवाद कितना भी बड़ा हो, बातचीत से ही उसका स्थायी हल निकाला जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व इतिहास में बड़े विवाद जैसे प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध भी अंततः बातचीत से सुलझाए गए। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वे बातचीत के मौके को खत्म न करें बल्कि इसे बढ़ावा दें, क्योंकि संवाद ही समाज में सौहार्द बनाए रखने का सबसे कारगर तरीका है।
बातचीक से सुलझाएं मामला…
आजम खान ने “आई लव मोहम्मद” को लेकर हो रहे विरोध को समाज में असहमति फैलाने वाली साजिश करार दिया। उनका कहना था कि किसी भी इंसान का किसी धर्म या व्यक्तित्व के प्रति प्रेम उसका जन्मसिद्ध अधिकार है। यदि कोई किसी से मोहब्बत करता है तो उसे उस बात के लिए किसी प्रकार की आलोचना या प्रतिबंध का सामना नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों को बड़ी समझदारी से निपटाना चाहिए ताकि समाज में शांति और एकता बनी रहे।
बरेली हिंसा का कारण और उसके बाद की घटनाएं
बरेली में हुई हिंसा का कारण “आई लव मोहम्मद” को लेकर निकाले गए जुलूस थे, जो पूरे देश के कई शहरों में मुस्लिम समुदाय द्वारा निकाले गए। यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ था, जहां पुलिस ने आरोप लगाया था कि “आई लव मोहम्मद” का बैनर लगाने पर मुस्लिम युवकों पर केस दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में कानपुर पुलिस ने इस बात से इनकार किया। इसके विरोध में देश के कई हिस्सों में जुलूस निकाले गए, जिनमें बरेली में हिंसा भी हुई।
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सरकार के लिए सुझाव
आजम खान ने प्रशासन और सरकार को सलाह दी कि वे इस तरह के विवादों को बढ़ने न दें और समय रहते समस्या का समाधान बातचीत के जरिए करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित करे और हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस तरह के विवादों को राजनीतिक एजेंडे से ऊपर रखें और आपसी भाईचारे को बनाए रखने की कोशिश करें।

