Fatehpur Maqbara: समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में वरिष्ठ नेता पप्पू सिंह चौहान को निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई फतेहपुर जिले में एक मकबरे में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद की गई, जिसमें चौहान के शामिल होने की पुष्टि स्थानीय लोगों और वीडियो फुटेज के आधार पर हुई है। फतेहपुर सपा के जिलाध्यक्ष सरेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि, “पप्पू सिंह चौहान, पुत्र अभिमन्यु सिंह, निवासी रहिमालन का पुरवा, पोस्ट जमरांवा, तहसील हुसेनगंज, जिला फतेहपुर को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है।”
वीडियो में तोड़फोड़ करते नजर आए चौहान
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सोमवार को फतेहपुर जिले में एक ऐतिहासिक मकबरे में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। मौके पर मौजूद लोगों और वायरल हो रहे वीडियो फुटेज के अनुसार, पप्पू सिंह चौहान तोड़फोड़ करने वाली भीड़ में सक्रिय रूप से शामिल थे। कई स्थानीय नागरिकों ने उनकी पहचान की, जिसके बाद मामला पार्टी के संज्ञान में लाया गया।
पार्टी ने दिखाई सख्ती
सपा नेतृत्व ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच करवाई। जांच में चौहान के पार्टी विरोधी आचरण की पुष्टि होने पर, उन्हें बिना किसी देरी के पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि समाजवादी पार्टी सांप्रदायिक सौहार्द और संविधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जो इन सिद्धांतों के खिलाफ जाता हो।
जिला इकाई ने भी जताई नाराजगी
फतेहपुर के अन्य सपा नेताओं ने भी पप्पू सिंह चौहान की हरकत पर नाराजगी जताई है। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ऐसी हरकतें पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। सपा हमेशा से धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समरसता की पक्षधर रही है। इस तरह की गतिविधियों से पार्टी को कोई लेना-देना नहीं है।”
प्रशासन भी जांच में जुटा
इस घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है। वीडियो फुटेज और चश्मदीद गवाहों के बयान के आधार पर जल्द ही चौहान पर आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। फतेहपुर की यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि राजनीतिक दल अब अनुशासनहीनता और सांप्रदायिकता को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं। समाजवादी पार्टी का यह कदम न सिर्फ संगठनात्मक अनुशासन को मजबूत करता है, बल्कि समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश भी देता है।
Read More : Fatehpur Maqbara: विधानसभा में गूंजा फतेहपुर मकबरा का मुद्दा, बढ़ते बवाल पर अखिलेश-ओवैसी ने उठाए सवाल
