जयपुर
राजस्थान में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता एक महत्वपूर्ण विषय है और इस दिशा में प्रवासी राजस्थानियों का सहयोग प्रदेश को हमेशा मिलता रहा है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दूरदर्शी नेतृत्व में आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने जा रहे प्रवासी राजस्थानी दिवस के दौरान इस विषय पर सार्थक संवाद के लिए एक विशेष सत्र होगा। “डेवलपमेंट ऑफ सस्टेनेबल वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर इन राजस्थान: ए रेस्पांसिबिलिटी एंड एन ऑपरच्युनिटी" विषय पर आयोजित इस सत्र में जल संसाधन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ राजस्थान में जल की पर्याप्त उपलब्धता के लिए व्यावहारिक, स्केलेबल और तकनीकी उपायों पर चर्चा करेंगे।
इस चर्चा में इकोलैब इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष खंडेलवाल “अनलॉकिग वाटर सिक्योरिटी ऑर वाटर-एनर्जी- ए आई नेक्सस" विषय पर अपने विचार रखेंगे। वहीं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूआई) की निदेशक डॉ. देबोलिना कुंडू “वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर इम्प्रूवमेंट”, आयन एक्सचेंज (इंडिया) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री इंद्रनील दत्त “एडवांस्ड टेक्नोलॉजी इन वेस्ट वाटर रिसाइकल, रीयूज़ एंड ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज” विषय पर चर्चा करेंगे।
इस सत्र में बायोटेक्नोलॉजी और जल संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। इनमें नेशनल एग्री-फ़ूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट (एनएबीआई) के कार्यकारी निदेशक डॉ. अश्विनी पारीक, “एडवांसिंग प्लांट मॉलिक्यूलर बायोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी, स्पेशली इन डेवलपिंग स्ट्रेस-टॉलरेंट क्रॉप्स” पर विचार व्यक्त करेंगे।
राजस्थान की दृष्टि से जल संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। इस विषय पर फोकस करते हुए, फेडरेशन ऑफ़ सूरत ट्रेड एंड टेक्सटाइल एसोसिएशन्स (एफओएसटीटीए) के अध्यक्ष कैलाश हकीम, “वाटर कंज़र्वेशन एंड रिसोर्सेज़ मैनेजमेंट” पर विचार व्यक्त करेंगे और जल संरक्षण के लिए उद्योग और समाज की आपसी भागीदारी बढ़ाने पर जोर देंगे। वहीं, रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान (आरजेडीएसएस) के परियोजना प्रमुख भूपेंद्र पालीवाल “वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट” पर अपनी बात रखेंगे।
इस विषय पर वैश्विक नजरिया सामने लाने के लिए विओलिया वाटर टेक्नोलॉजीज़ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और इंजीनियरिंग और खरीद के साउथ एशिया और एशिया पैसिफिक लीडर श्री गोपाल मदाभुशी “वाटर रीयूज़ एंड टेक्नोलॉजी एडैप्टेशन” पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। प्रवासी राजस्थानी दिवस के अंतर्गत आयोजित हो रहे इस विशेष सत्र में राजस्थान में जल संरक्षण और जल संसाधनों की उपलब्धता के लिए परंपरागत और नवीन उपायों के इस्तेमाल तथा इस दिशा में जनसमुदाय की जिम्मेदारी पर सार्थक संवाद होगा। इस सत्र का उद्देश्य राजस्थान के लिए सतत् जल आधारभूत ढांचा के मामले में एक ऐसा विजन तैयार करना है, जिसमें अवसर व जिम्मेदारी साथ-साथ हों और जल संसाधन से जुड़ी चुनौतियों को दूर किया जा सके।
