Sri Lanka Floods: श्रीलंका पिछले 11 दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भीषण भूस्खलन का सामना कर रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देश के कई इलाकों में सड़कें कट गई हैं, घर ढह गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। आपदा की गंभीरता को देखते हुए सरकार और राहत एजेंसियां लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन खराब मौसम बचाव कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना रहा है।
Sri Lanka Floods: आधिकारिक आंकड़ों में अब तक 31 लोगों की मौत की पुष्टि
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र (DMC) ने गुरुवार को बताया कि भारी वर्षा और उससे उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा लगभग 4,000 लोग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं और सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अभी भी गंभीर है और कई क्षेत्रों से लगातार मदद की अपील आ रही है।
Sri Lanka Floods: मध्य पर्वतीय जिलों में सबसे अधिक जान-माल का नुकसान
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, अकेले मध्य पर्वतीय इलाके इन आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में 18 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। यहां भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। राहत टीमों को कई स्थानों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि रास्ते मलबे और पानी से भर चुके हैं।
यात्री बस को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन बना चर्चा का विषय
डेली मिरर ऑनलाइन के अनुसार, कुंबुक्कना क्षेत्र में एक यात्री बस अचानक बढ़ते जलस्तर में फंस गई। इस भयावह स्थिति में बचाव दल ने तुरंत कार्रवाई की और भीतर बैठे 23 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि अडाडेराना न्यूज पोर्टल ने बताया कि इन घटनाओं में अब तक 10 लोग घायल हुए हैं और 14 लोग अभी भी लापता हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उनकी तलाश के लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं।
राष्ट्रपति ने आपदा प्रबंधन की समीक्षा के लिए तात्कालिक बैठक बुलाई
बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने 25 में से 17 प्रशासनिक जिलों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। बैठक में अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने, बचाव कार्य तेज करने और मौसम की स्थिति पर सतर्क निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि यदि हालात और खराब होते हैं तो अतिरिक्त सेना बलों को भी तैनात किया जा सकता है।
मौसम विभाग ने अगले 12 घंटे को बताया अत्यंत महत्वपूर्ण
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि देश के दक्षिण-पूर्व में बना निम्न दाब क्षेत्र अब अवदाब में बदल चुका है और फिलहाल बट्टीकलोआ से लगभग 210 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। विभाग का अनुमान है कि अगले 12 घंटों में यह प्रणाली उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए गहरी अवदाब में तब्दील हो सकती है। इसके प्रभाव से श्रीलंका के कई हिस्सों में 200 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है।
पिछले वर्ष की बाढ़ अभी भी लोगों की यादों में ताजा
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में भारी वर्षा का खतरा पहले भी गंभीर रूप से सामने आ चुका है। अक्टूबर 2024 में भी देश के कई हिस्सों विशेषकर राजधानी कोलंबो और उसके उपनगरीय क्षेत्रों में भीषण बाढ़ आई थी। उस दौरान 1 लाख 34 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए थे और कई स्कूलों को बंद करना पड़ा था। कई इलाकों में पानी घरों और दुकानों की छतों तक पहुंच गया था, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ था।
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