SSC CGL 2025: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा अपनी परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यूपी- बिहार के 1130 अभ्यर्थियों को डिबार कर दिया गया है। यह कदम उन उम्मीदवारों के खिलाफ उठाया गया है, जिन्होंने परीक्षा प्रक्रिया में अनियमित तरीकों से शामिल होने की कोशिश की थी।
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नकल के मामले
आयोग की जांच में पाया गया कि इनमें से 46 अभ्यर्थियों ने एक ही परीक्षा में दो या अधिक बार शामिल होने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग जिलों में परीक्षा केंद्र चुनकर परीक्षा देने का प्रयास किया, लेकिन बायोमीट्रिक और आधार सत्यापन के जरिए उन्हें पकड़ लिया गया।
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दूसरे की जगह दे रहे थे परीक्षा…
इस कार्रवाई में सबसे अधिक मामले उन उम्मीदवारों के हैं जिन्होंने किसी और की जगह परीक्षा दी। कुल 994 ऐसे अभ्यर्थी पाए गए, जिन्होंने सॉल्वर बिठाकर परीक्षा दिलाने की कोशिश की थी। ये सभी बायोमीट्रिक जांच में पकड़ में आ गए।
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फर्जी डॉक्यूमेंन्ट्स का भी खुलासा
इसके अलावा 44 उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए आवेदन किया था। वहीं एक अभ्यर्थी को अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया, और कुछ ने परीक्षा में जानबूझकर परेशानी का कारण बने, जिसके कारण उन्हें भी डिबार कर दिया गया।
AI निगरानी से बढ़ी सख्ती
SSC ने परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए अब आधार सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के जरिए निगरानी की व्यवस्था भी शुरू की है। इससे नकलचियों पर निगरानी पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई है।
CGL 2025 परीक्षा
SSC CGL परीक्षा 2025 के लिए लगभग 28 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिनमें से 13.5 लाख ने परीक्षा में भाग लिया। यह परीक्षा 126 शहरों के 255 केंद्रों पर, 15 दिनों में 45 शिफ्टों में कराई गई। ऐसे बड़े पैमाने पर परीक्षा आयोजन के बावजूद, आयोग ने तकनीकी साधनों का उपयोग कर हर गड़बड़ी को समय रहते पकड़ा।
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भविष्य की सभी परीक्षाओं से बेदखल
SSC के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि इन सभी 1130 अभ्यर्थियों को आयोग की किसी भी भविष्य की परीक्षा में बैठने से स्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। साथ ही इनकी सूची अन्य सरकारी भर्ती एजेंसियों और संस्थानों को भी भेज दी गई है, ताकि ये अभ्यर्थी किसी भी सरकारी नौकरी की प्रक्रिया में शामिल न हो सकें।

