Stock Market Crash: शेयर बाजार में गिरावट जारी, कमजोर ग्लोबल बाजारों से निवेशक चिंतित

लगातार क्यों गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार? FIIs आखिर कौन से बड़े शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली कर रहे हैं? विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर ग्लोबल बाजारों के बीच, सेंसेक्स और निफ्टी ने कौन सा 'मनोवैज्ञानिक' स्तर तोड़ दिया है? जानें- शेयर बाजार में इस गिरावट का सिलसिला कब थमेगा और निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?

Chandan Das
Stock Market Crash
शेयर बाजार में गिरावट जारी

Stock Market Crash: शुक्रवार, 9 नवंबर 2025 को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का रुख देखा गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा पूंजी निकासी और वैश्विक बाजारों में कमजोरी के चलते निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट दर्ज की गई।बीएसई (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 94.73 अंक यानी 0.11 प्रतिशत गिरकर 83,216.28 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह एक समय 640 अंक तक लुढ़क गया था। वहीं, एनएसई (NSE) का निफ्टी 50 इंडेक्स 17.40 अंक यानी 0.07 प्रतिशत गिरकर 25,492.30 अंक पर बंद हुआ। इस गिरावट का प्रमुख कारण था, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक बाजारों की कमजोर गतिविधियां।

गिरावट में शामिल प्रमुख शेयर

सेंसेक्स में शामिल कई बड़ी कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे। भारती एयरटेल का शेयर 4.46 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। इसके अलावा, टेक महिंद्रा, ट्रेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के शेयर भी नुकसान में रहे। हालांकि, कुछ चुनिंदा शेयरों में बढ़त देखने को मिली, जिनमें बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फिनसर्व के शेयर शामिल थे।

बाजार में गिरावट के कारण

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च, विनोद नायर के अनुसार, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद, प्रमुख सपोर्ट स्तरों पर खरीदारी के कारण बाजार कुछ हद तक उबरने में सफल रहा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बाजार की दिशा को लेकर कोई स्पष्ट ट्रेंड रिवर्सल का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। वैश्विक संकेतों और एफआईआई की लगातार निकासी के बीच, निवेशक अभी भी सतर्क बने हुए हैं।विनोद नायर के मुताबिक, कुछ विशेष सेक्टरों में दूसरी तिमाही के नतीजों से समर्थन मिला है, विशेषकर फाइनेंशियल सेक्टर, जिसमें पीएसयू बैंकों में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि बढ़ती एफडीआई सीमा और बैंकों के सेक्टर में संभावित एकीकरण को लेकर निवेशकों में बढ़ती रुचि है।

वैश्विक बाजारों का असर

एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्केई, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली, जबकि अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। वैश्विक बाजारों में इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा।अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.31 प्रतिशत बढ़कर 64.21 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में भी हल्का उछाल देखने को मिला।

एफआईआई और डीआईआई का रुख

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,263.21 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने 5,283.91 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इससे साफ है कि विदेशी निवेशक वर्तमान बाजार में सतर्क बने हुए हैं और बिकवाली कर रहे हैं, जबकि घरेलू निवेशक बाजार में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा, जिसका प्रमुख कारण एफआईआई की पूंजी निकासी और वैश्विक बाजारों की कमजोर स्थिति रही। हालांकि, बाजार के कुछ सेक्टरों में खरीदारी की उम्मीद है और आगे आने वाले समय में अमेरिकी शटडाउन, टैरिफ घटनाक्रम और अन्य वैश्विक मुद्दों के चलते बाजार की दिशा पर असर पड़ सकता है। निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

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