Stock Market Crash: शेयर बाजार में जारी तूफान, 5 महीने की गिरावट के बाद Nifty 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब

Aanchal Singh
Stock Market

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट अब नया रिकॉर्ड बनाने के करीब है। पिछले 5 महीनों से लगातार हो रही गिरावट के बाद, निफ्टी 50 इंडेक्स अपने 30 साल के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी मासिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है। निफ्टी का इतिहास जुलाई 1990 से है और तब से अब तक केवल दो बार ऐसा हुआ है जब निफ्टी ने लगातार पांच या उससे अधिक महीनों तक गिरावट दर्ज की है।

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पिछले पांच महीनों में 12.6% गिरावट

पिछले पांच महीनों में 12.6% गिरावट

आपको बता दे कि फरवरी 2025 में अब तक निफ्टी में 4% की गिरावट देखी गई है, और इस महीने के सिर्फ तीन कारोबारी सत्र बाकी हैं। पिछले पांच महीनों में, निफ्टी का स्तर 25,811 से घटकर अब तक 12.6% तक गिर चुका है। इस गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, जो इस संकट को लेकर बेचैन हैं।

गिरावट में शामिल प्रमुख शेयरों में अदाणी एंटरप्राइजेज

इस गिरावट के दौरान, निफ्टी में शामिल हर पांच में से एक शेयर 28% से अधिक गिर चुका है। प्रमुख गिरावट वाले शेयरों में ट्रेंट, अदाणी एंटरप्राइजेज, एशियन पेंट्स, बीपीसीएल, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और टाटा मोटर्स जैसे शेयर शामिल हैं, जिनमें 31% से 33% तक की गिरावट देखी गई है।

हाई वेटेज शेयरों में भी गिरावट

हाई वेटेज शेयरों में भी गिरावट

इंडेक्स में शामिल हाई वेटेज शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), आईटीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज क्रमशः 24%, 22% और 18% तक गिर चुके हैं। हालांकि, विप्रो, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक ने इस दौरान 6% से 9% तक की वृद्धि दर्ज की है, जो एक हल्की राहत का संकेत है।

तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक निफ्टी 22,400 तक गिर सकता है

तकनीकी विश्लेषकों के मुताबिक निफ्टी 22,400 तक गिर सकता है

तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी जल्द ही 22,500 से 22,400 के स्तर तक गिर सकता है। जब तक निफ्टी 22,850 के नीचे रहेगा, तब तक इसमें बिकवाली का दबाव बना रहेगा। इसका मतलब है कि जैसे ही निफ्टी थोड़ा ऊपर जाएगा, निवेशक शेयर बेचने लगेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में कमजोरी का संकेत दिख रहा है और यह गिरावट जल्द थमने का नाम नहीं ले रही।

चीन और अमेरिका के व्यापार युद्ध का भारतीय बाजार पर असर

इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और चीन के शेयर बाजार में तेजी ने भी भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है। विदेशी निवेशक अपना पैसा भारत से निकालकर चीन में लगा रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा है। अक्टूबर 2024 से भारत का बाजार पूंजीकरण 1 ट्रिलियन डॉलर घट गया है, जबकि चीन का 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है।

विशेषज्ञों का सुझाव…

विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को अब सोच-समझ कर अच्छे शेयरों में निवेश करना चाहिए और छोटे शेयरों से बचना चाहिए जिनका वार्षिक मुनाफा 100 करोड़ रुपये से कम हो। साथ ही, उन्हें टैक्स लाभ के लिए घाटे वाले शेयरों को बेचने पर विचार करना चाहिए।

सेंसेक्स और निफ्टी में रिकॉर्ड गिरावट

सेंसेक्स और निफ्टी में रिकॉर्ड गिरावट

बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स पिछले साल 27 सितंबर को अपने रिकॉर्ड हाई पर था, लेकिन इसके बाद शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लगातार गिरावट जारी है। पिछले पांच महीनों में, निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से 14.19% गिर चुका है, जबकि सेंसेक्स 13.23% गिर चुका है। इस समय भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय निवेशकों के लिए सावधानी से निवेश करने का है, ताकि भविष्य में घाटा कम से कम हो।

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