Stray Dogs: बीते काफी समय से आवारा कुत्तों के मामले को अब जाकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। बता दें कि, शीर्ष अदालत ने इस मसले पर अपना कड़ी रुख अपनाया है और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सड़कों, हाईवे और एक्सप्रेसवे पर आवारा पशु या कुत्ते न रहें। अदालत का यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा और सड़क सुरक्षा दोनों के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Supreme Court: सरकार जल्द भेजेगी जस्टिस गवई को पत्र, उनसे मांगा जाएगा उत्तराधिकारी का नाम
मुख्य सचिवों को मिला अल्टीमेटम
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करेगा कि आवारा पशु सड़क से हटाए जाएं। अदालत ने कहा कि आगामी सुनवाई से पहले सभी राज्यों को विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि आवारा पशुओं को हटाने और उनके कल्याण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की ढिलाई या उपेक्षा गंभीरता से ली जाएगी।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर विशेष ध्यान

जस्टिस संदीप मेहता ने अदालत के आदेश में इस बात की पुष्टि की कि राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़क मार्गों पर आवारा पशुओं की समस्या को तत्काल हल करने के लिए सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व निर्देशों की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना है कि राजमार्गों, एक्सप्रेसवे और अन्य मुख्य सड़कों से आवारा पशु तुरंत हटाए जाएं।
अभियान की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को आवारा पशुओं को हटाने के लिए संयुक्त और समन्वित अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य न केवल सड़क पर आने वाले पशुओं से होने वाले हादसों को रोकना है, बल्कि इन जानवरों को उचित देखभाल और सुरक्षा भी उपलब्ध कराना है। आदेश में यह भी कहा गया कि मवेशियों और अन्य आवारा पशुओं की सुरक्षा, भोजन और पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

