Subhanshu Shukla Biography: भारत के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण सामने आया है, जब शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। वे राकेश शर्मा के 41 वर्षों बाद अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं, और विशेष बात यह है कि वे पहले भारतीय होंगे जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखेंगे।यह उड़ान अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस के वाणिज्यिक मिशन के तहत हुई, जिसमें शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना हुए। इस पूरी यात्रा को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा अंजाम दिया गया, जो फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।
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भारत का नाम फिर से अंतरिक्ष में
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा केवल एक अंतरिक्ष अभियान नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों के स्वाभिमान और वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक बन गई है। राकेश शर्मा के बाद पहली बार कोई भारतीय इस स्तर पर अंतरिक्ष अभियान में भाग ले रहा है, और इस बार गंतव्य ISS यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन है।इस मिशन की शुरुआत ठीक दोपहर 12:01 बजे हुई, जब फाल्कन-9 रॉकेट अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ। लॉन्चिंग के साथ ही देशभर में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भी इस मिशन की सफलता पर प्रस्ताव पारित कर देशवासियों को बधाई दी गई।
एक सपना, जो बना प्रेरणा
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में जाने की प्रेरणा एक एयर शो के दौरान मिली, जब उन्होंने पहली बार उड़ते हुए विमानों और वैज्ञानिक शक्ति का अनुभव किया। तभी से उन्होंने अंतरिक्ष में जाने का सपना देखा और उसे लगन, मेहनत और दृढ़ निश्चय से पूरा कर दिखाया।उनकी यह उपलब्धि युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है कि अगर सपना सच्चा हो और मेहनत ईमानदार हो, तो कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है — चाहे वो धरती पर हो या अंतरिक्ष में।
नया इतिहास, नई शुरुआत
शुभांशु की यह उड़ान न केवल भारत के लिए एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत अब वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक सशक्त और सक्रिय भागीदार बन चुका है। यह मिशन अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की भागीदारी और प्रगति को एक नई दिशा देगा।