Bihar AQI: बिहार में वायु गुणवत्ता की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। बुधवार, 29 अक्टूबर की सुबह जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़ों ने राज्य में प्रदूषण की गंभीरता को उजागर किया है। राजधानी पटना का AQI 129 दर्ज किया गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक माना जाता है।
प्रमुख शहरों में प्रदूषण की स्थिति

पटना के अलावा राज्य के कई अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। मुजफ्फरपुर में AQI 145, बिहार शरीफ में 144, गया में 106, औरंगाबाद में 101, अररिया में 129 और पूर्णिया तथा भागलपुर में भी हालात खराब हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में हवा की गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्तर पर पहुंच चुकी है।
बेगूसराय और हाजीपुर में हालात सबसे गंभीर
बेगूसराय और हाजीपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। बेगूसराय का AQI 156 और हाजीपुर का 154 दर्ज किया गया है, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। नरकटियागंज में भी AQI 156 तक पहुंच गया है, जिससे वहां की हवा जहरीली हो चुकी है।
प्रदूषण के कारण और प्रभाव
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के पीछे कई कारण हैं, जिनमें वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक गतिविधियां और किसानों द्वारा पराली जलाना प्रमुख हैं। इन कारणों से वायुमंडल में हानिकारक कणों की मात्रा बढ़ गई है, जो सीधे तौर पर फेफड़ों और दिल पर असर डालते हैं। विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और सांस या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है।
डॉक्टरों की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह के समय ताजी हवा में सैर करने और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी है, ताकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। साथ ही, प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनने और घर के अंदर शुद्ध हवा बनाए रखने की भी सिफारिश की गई है।
बिहार में वायु गुणवत्ता की यह गिरावट न केवल पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
Read more: Bihar Weather Update: बिहार में मोंथा चक्रवात का असर, कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी
