Supreme Court on Aadhar Card:सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है कि केवल आधार कार्ड को नागरिकता के सत्यापन के एकमात्र दस्तावेज़ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि अन्य दस्तावेज़ जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और राशन कार्ड भी फर्जी हो सकते हैं। यह टिप्पणी उस याचिका के संदर्भ में आई है, जिसमें अधिवक्ता एवं नागरिकों ने चुनाव से पहले नागरिकता साबित करने हेतु आधार को पहचान पत्र के रूप में हटाने की मांग की थी।याचिका में यह दावा किया गया था कि लोग जाली आधार कार्ड बनाकर नागरिकता साबित कर सकते हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया को अनैतिक तरीके से प्रभावित किया जा सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि नागरिकता प्रमाणित करने के लिए केवल आधार को विशेष रूप से अलग नहीं किया जाना चाहिए।
Read more :UP News: बलिया में बड़ा हादसा टला, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की गाड़ी गाय से जा टकराई, सभी सुरक्षित…
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमलया बागची शामिल थे, ने यह स्पष्ट किया कि राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज़ भी नकली या प्रतिबंधित तरीके से प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सामाजिक सुरक्षा, चुनाव या नागरिकता जैसे मामलों में केवल एक दस्तावेज़ पर भरोसा करना पर्याप्त नहीं है। अदालत ने कहा कि अलग-अलग प्रकार के दस्तावेज़ों का मिलाजुला सत्यापन किया जाना चाहिए।
याचिका और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
याचिका इस तर्क पर आधारित थी कि यदि आधार को नागरिकता साबित करने वाले पहचान पत्र से हटा दिया जाए, तो चुनाव से पहले नागरिकों की पहचान कहीं ज्यादा सुनिश्चित की जा सके।सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया, यह कहकर कि आधार उन सभी दस्तावेज़ों में से एक है, लेकिन “सिर्फ आधार होने” की स्थिति में अन्य दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता की भी जांच होनी चाहिए।अदालत ने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा नागरिकता जैसे महत्वपूर्ण मामलों में सिर्फ आधार प्रस्तुत किया जाए, तो वह पर्याप्त विश्वसनीयता नहीं प्रदान करता क्योंकि जाली दस्तावेज़ों की समस्या सर्वविदित है।
Read more :Mandi Landslide Himachal: मंडी में भूस्खलन से मचा कोहराम, तीन की मौत, धर्मपुर में बाढ़ से तबाही
प्रभाव और आगे की चुनौतियाँ
इस फैसले से यह साफ हो गया है कि न केवल सरकार बल्कि आम नागरिकों को भी दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता की जांच पर विशेष ध्यान देना होगा। यह निर्णय उन मामलों में महत्वपूर्ण है जहाँ पहचान, नागरिकता, वोटर पंजीकरण आदि प्रक्रिया में दस्तावेज़ों की भूमिका बहुत बड़ी होती है।
Read more :Assam पुलिस की बड़ी कार्रवाई में गिरफ्तार हुई अधिकारी नूपुर बोरा..90 लाख रुपये कैश जब्त
कुछ चुनौतियाँ इस प्रकार हैं
फर्जी दस्तावेज़ों की पहचान के लिए डिजिटल सत्यापन और सरकारी रिकॉर्डों का बेहतर समन्वय।
विभिन्न पहचान दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों और मानकों का स्पष्ट होना।
जनता में जागरूकता बढ़ाना कि सिर्फ दिखने में ठीक रहने वाले दस्तावेज़ हमेशा वैध नहीं होते।

