Deoria News: साहस और सेवा की मिसाल बने देवरिया जिले के प्रेमचंद्र प्रसाद को एक बार फिर सांप ने डस लिया।इस बार उन्हें कोबरा ने काटा, जिसके बाद उन्हें देवरिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।आश्चर्य की बात है कि,यह 40वीं बार है जब प्रेमचंद्र को सर्पदंश हुआ है।फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।यह घटना गौरी बाजार थाना क्षेत्र के भगुआ पासवान टोला में हुई रामभजन पासवान के घर में कोबरा सांप दिखने पर ग्रामीणों ने 52 वर्षीय प्रेमचंद्र को बुलाया था।वह मौके पर पहुंचे और बांस की सीढ़ी पकड़कर छत से नीचे उतर रहे थे कि तभी कोबरा ने पलटकर उनके हाथ की उंगली पर डस लिया।
40 बार सर्पदंश के बाद भी जीवित इंसान
सर्पदंश के बावजूद प्रेमचंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कोबरा को सावधानी से पकड़ा और प्लास्टिक के डिब्बे में बंद कर दिया ताकि किसी को नुकसान न हो। इसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है। सीरजम गांव निवासी प्रेमचंद्र पिछले 20 वर्षों से सांप पकड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अब तक देवरिया, गोरखपुर और कुशीनगर जिलों में 500 से अधिक सांप पकड़े हैं। ग्रामीण इलाकों में जब भी कहीं सांप दिखाई देता है, लोग सबसे पहले प्रेमचंद्र को ही बुलाते हैं।
सांपों के प्रति जिज्ञासा से मिला हुनर
प्रेमचंद्र बताते हैं की उन्हें बचपन से ही सांपों के प्रति जिज्ञासा थी। उन्होंने खुद अभ्यास करके यह हुनर सीखा,वे जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचते, बस उन्हें पकड़कर जंगल में छोड़ देते हैं। लेकिन कई बार यह बहुत जोखिम भरा काम हो जाता है।” साल 2024 में उन्हें एक बेहद जहरीले सांप ने काट लिया था। हालत इतनी गंभीर थी कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। लेकिन जब परिवारजन शव वाहन में डालने की तैयारी कर रहे थे, तभी एक साथी ने उनका हाथ हिलता देखा।डॉक्टरों ने तत्काल आपात उपचार शुरू किया और कुछ घंटों बाद उन्होंने चमत्कारिक रूप से फिर सांस लेना शुरू कर दिया। इसके बाद से प्रेमचंद्र इलाके में ‘मरकर भी जिंदा लौटे साँप पकड़ने वाले’ के नाम से मशहूर हो गए।
देवरिया के स्नेकमैन की रोचक कहानी
गांव के लोग कहते हैं कि प्रेमचंद्र सिर्फ सांप पकड़ने वाले नहीं, बल्कि जान बचाने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने कई बार रात में भी दूर-दराज गांवों में जाकर सांप पकड़े हैं।उनके एक साथी ने बताया— “जब गांव में सांप निकलता है तो सब डर जाते हैं, लेकिन प्रेमचंद्र निडर होकर उसे हाथों से पकड़ लेते हैं। वे कहते हैं-अगर मैं नहीं गया तो किसी की जान जा सकती है।” उनके जानने वाले उन्हें कई बार मना करते हैं, लेकिन वे कहते हैं—यह मेरा काम है और किसी की जान बचाना मेरा फर्ज़ है।”
उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जो हर बार डर में रहते हैं कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। डॉक्टरों ने दी चेतावनी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि बार-बार सर्पदंश होने से शरीर पर स्थायी असर पड़ सकता है। उन्होंने प्रेमचंद्र को आराम करने और सांप पकड़ने का काम छोड़ने की सलाह दी है। प्रेमचंद्र की कहानी अब देवरिया से सोशल मीडिया तक छा गई है। लोग उनकी हिम्मत और जीवटता की सराहना कर रहे हैं। कई लोग उन्हें प्यार से “देवरिया का स्नेक मैन” कह रहे हैं — एक ऐसा शख्स, जो बार-बार मौत को मात देकर लोगों की जान बचाने निकल पड़ता है।

