Surya Grahan 2025: सनातन धर्म में ग्रहण काल को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान कई नियमों का पालन करना शुभ होता है, जिससे जीवन में सकारात्मक प्रभाव आता है। साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आने वाला है, जिसे लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। इससे पहले इस साल का पहला सूर्य ग्रहण मार्च महीने में लगा था और अब दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण जल्द लगने वाला है, ऐसे में हम आपको ग्रहण की तारीख और इससे जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
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सूर्य ग्रहण की तारीख और समय

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को होगा। यह ग्रहण आंशिक (Partial) होगा, यानी सूर्य का कुछ हिस्सा ही छिपेगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर लगभग आधी रात 3 बजकर 23 मिनट तक चलेगा। इस ग्रहण का मध्य समय रात 1 बजकर 11 मिनट होगा। कुल मिलाकर इस आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट की होगी।
ग्रहण काल को ज्योतिष में बहुत ही संवेदनशील माना जाता है, इसलिए इस दौरान विशेष सावधानियां बरतनी आवश्यक होती हैं। ग्रहण लगने के समय पूजा पाठ, मंत्र जाप और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
सूर्य ग्रहण कहां और कब दिखाई देगा?
इस साल का यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध के देशों में दिखाई देगा। खासतौर पर न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर क्षेत्र में इस ग्रहण का स्पष्ट दृश्य मिलेगा। न्यूजीलैंड में सूर्य लगभग 80 प्रतिशत तक ढका हुआ दिखाई देगा, जो ग्रहण का प्रमुख आकर्षण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, ठीक उसी तरह जैसे मार्च में लगे पहले सूर्य ग्रहण को भारत में देखा नहीं गया था। भारत में रहने वाले ज्योतिष और खगोल विज्ञान विशेषज्ञ ग्रहण के प्रभाव और इसके नियमों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सलाह देते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान अपनाए ये नियम
सनातन धर्म में ग्रहण के समय कई नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है। ग्रहण के दौरान भोजन से परहेज करना, घर के बाहर न जाना, नकारात्मक ऊर्जा से बचना, और भगवान के मंत्र जाप में लीन रहना है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

