Surya Grahan 2025: सनातन धर्म में ग्रहण काल को महत्वपूर्ण घटना माना गया है जोकि ईश्वर पर संकट का समय होता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है। साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगा था जो कि आंशिक सूर्य ग्रहण था और यह भारत में दिखाई नहीं पड़ा था। ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं था।
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने वाला है, जो आंशिक सूर्य ग्रहण होने वाला है। पहले सूर्य ग्रहण की तरह यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कई सारे नियमों का पालन करना होता है, तो हम आपको इन्हीं जरूरी नियमों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

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ग्रहण काल के दौरान न करें यह काम
भूलकर भी सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देना चाहिए। इस दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए और बाहर की यात्रा करने से भी बचना चाहिए। इसी के साथ ही इस दौरान भोजन पकाना और खाना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
वाद विवाद करने से बचें
ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के दौरान पूजा पाठ, सोना और नुकीली चीजों का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ता है और कष्ट भी उठाना पड़ सकता है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई से जुड़े काम भी नहीं करने चाहिए। इस दौरान वाद विवाद या क्लेश करने से भी बचना चाहिए।

इन कार्यों को करना रहेगा शुभ
ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल मिलने पानी से स्नान करें इसके बाद भगवान की विधिवत पूजा करें। फिर गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, जल, वस्त्र, धन आदि का दान करें माना जाता है कि ऐसा करने से लाभ मिलता है और ग्रहण के अशुभ प्रभाव भी जीवन पर देखने को नहीं मिलते हैं।