Swami Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व मंत्री और अपनी जनता पार्टी के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान देकर नया बवाल खड़ा कर दिया है। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि “धर्म के ठेकेदार अब आतंकवाद के रास्ते पर चल पड़े हैं” और “जय श्रीराम” तथा “जय बजरंग बली” का नारा अब मस्जिदों और मदरसों में तोड़फोड़ का लाइसेंस बन गया है।”
सीएम योगी पर साधा निशाना
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री ऐसे लोगों का साथ देते हैं और उन पर कार्रवाई करने के बजाय मुस्लिम समाज के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाते हैं।”उन्होंने आरोप लगाया कि “सीएम खुद कोर्ट की उपेक्षा कर निर्दोषों के घरों को जमींदोज कर रहे हैं। मदरसों और मस्जिदों को गिराया जा रहा है। यहां तक कि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लोगों के घरों पर भी बुलडोजर चलाया जा रहा है।”
‘बीजेपी संरक्षित अपराधियों के नहीं चलता बुलडोजर’
मौर्य ने कहा कि “अगर कोई बीजेपी संरक्षित गुंडा या माफिया है तो उसके घर बुलडोजर कभी नहीं जाता। अगर अपराधी सीएम की बिरादरी का है, तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।”
‘फतेहपुर में जय श्रीराम के नाम पर तोड़ा गया मकबरा’
पूर्व मंत्री ने फतेहपुर की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, “फतेहपुर के एक मकबरे में जय श्रीराम का नारा लगाकर फावड़ा लेकर तोड़फोड़ की गई, लेकिन उसमें उलटे मुस्लिम समाज के लोगों पर ही केस दर्ज कर दिया गया, जबकि असली अपराधियों को क्लीन चिट दे दी गई।”
बीजेपी का पलटवार – ‘मौर्य खुद सनातन से लाभ उठाते हैं’
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य कहने को तो बौद्ध धर्म अपना चुके हैं, लेकिन दिन-रात सनातन धर्म का नाम लेकर प्रचार करते हैं। भगवान राम का नाम लेकर ये राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों को भ्रमित कर रहे हैं। ये जानते हैं कि राम नाम पर राजनीति से मीडिया सुर्खियां मिलती हैं, इसलिए बार-बार विवादित बयान देते हैं।”यह पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन धर्म या भाजपा सरकार को लेकर विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी उन्होंने रामचरितमानस और हिंदू परंपराओं को लेकर कई बार टिप्पणी की थी, जिससे उन्हें पार्टी और जनता दोनों की नाराजगी झेलनी पड़ी थी।मौर्य के इस बयान ने एक बार फिर राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। जहां बीजेपी इसे “हिंदू विरोधी बयान” बता रही है, वहीं मौर्य का दावा है कि वह समानता और सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं।
Read More : Mokama Murder: चुनाव आयोग का कड़ा रुख, मोकामा में कानून व्यवस्था की नाकामी पर 4 पुलिसकर्मी हटे
