स्वामी रामदेव की दिनचर्या और आहार संबंधी आदतें वास्तव में बहुत अनुशासित और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। उनके अनुसार, एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए सात्विक आहार, योगाभ्यास, और मानसिक शांति बहुत जरूरी हैं। उन्होंने अपनी सेहत के राज को साझा करते हुए कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं…. स्वामी रामदेव का जीवनशैली और आहार संबंधी दृष्टिकोण स्वस्थ और दीर्घकालिक जीवन के लिए बहुत प्रेरणादायक है। उनके आहार और योग के सिद्धांतों को अपनाकर हम भी अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
स्वामी रामदेव का आहार
स्वामी रामदेव दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं, और उनका आहार बहुत सादा और सात्विक होता है। इसमें 3 मुख्य सब्जियां—लौकी, तोरी और मिक्स वेजिटेबल शामिल रहती हैं। वे कहते हैं कि भोजन में ज्यादा अनाज नहीं होता, और उनका डाइट ज्यादातर फल, साग-सब्जी और मिलेट्स से भरपूर होता है। वे आलू, चावल और गेहूं जैसे खाद्य पदार्थों से बचते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये खाद्य पदार्थ कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
खाने की आदतें
स्वामी रामदेव के अनुसार, भोजन में सबसे पहले फल और सलाद जैसे कच्चे आहार खाने चाहिए, इसके बाद साग और सब्जियां, और अंत में थोड़ा मीठा खाना चाहिए, लेकिन मीठे में चीनी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। वे मीठे के लिए फल, ड्राई फ्रूट, गुड़, शक्कर और अंजीर जैसे प्राकृतिक स्रोतों का सेवन करते हैं।
Read More:Lungs Transplant: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ट्रांसप्लांट के बाद जीवन प्रत्याशा…
स्वामी जी का योगाभ्यास
स्वामी रामदेव के अनुसार, हर व्यक्ति को योगाभ्यास जरूर करना चाहिए, खासकर कपालभाति और अनुलोम विलोम जैसे प्राणायाम। ये प्राणायाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। वे मानते हैं कि योग से शरीर अंदर से स्वस्थ और युवा बना रहता है।
रामदेव की दिनचर्या
वे तड़के 3 बजे जागते हैं, पहले गर्म पानी पीते हैं और फिर शारीरिक क्रियाएं करते हैं। इसके बाद स्नान करके 1 घंटा मेडिटेशन करते हैं और फिर दौड़ लगाते हैं। फिर वे लोगों को योगाभ्यास करवाते हैं। उनकी दिनचर्या पूरी तरह से अनुशासन से भरी हुई है, जो उनकी सेहत और फिटनेस का मुख्य कारण है।
Read More:Health and Wealth: इम्यूनिटी सिस्टम स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्वों का करें सेवन, बनाए सेहत…
खाना खाने की संख्या
स्वामी रामदेव के अनुसार, दिन में एक बार भोजन करना सबसे अच्छा है, क्योंकि अधिक बार खाना खाने से शरीर पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है और इससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। वे कहते हैं कि शारीरिक मेहनत ज्यादा करने वालों को दो बार भोजन करने की अनुमति हो सकती है, लेकिन 3 बार खाना खाने से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, और 4 बार खाना तो बहुत ही हानिकारक हो सकता है।

