Swaraj Kaushal Death: सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल का निधन, मिजोरम के पूर्व राज्यपाल थे

देश की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज के बाद अब उनके पति स्वराज कौशल का भी हुआ निधन। वह सिर्फ एक वरिष्ठ एडवोकेट नहीं थे, बल्कि एक ऐसे राजनीतिक शख्सियत थे जिन्होंने सबसे कम उम्र में राज्यपाल बनकर रिकॉर्ड बनाया था - जानें उनके निधन का कारण और राजनीति तथा वकालत में उनका अविस्मरणीय योगदान क्या था?

Chandan Das
Swaraj Kaushal Death
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Swaraj Kaushal Death: भारतीय राजनीति और न्यायिक जगत के लिए आज का दिन बेहद दुखद रहा। बीजेपी की दिग्गज नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति, वरिष्ठ अधिवक्ता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का निधन हो गया है। उनके देहांत की खबर सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। स्वराज कौशल न केवल एक अनुभवी वकील थे, बल्कि संवैधानिक पदों पर रहते हुए उन्होंने देश की सेवा की और एक सशक्त प्रशासनिक व्यक्तित्व के रूप में अपनी पहचान बनाई।

Swaraj Kaushal Death: दोपहर बाद अंतिम संस्कार की तैयारी

मिली जानकारी के अनुसार, स्वराज कौशल का अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे दिल्ली के लोदी रोड क्रेमेशन ग्राउंड में किया जाएगा। परिवार और नजदीकी लोगों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार संपन्न होगा। देशभर के नेता, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और उनसे जुड़े लोग श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनके निधन के बाद पूरे दिन सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें याद किया और उनके योगदान को सलाम किया।

Swaraj Kaushal Death: बीजेपी ने सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी

भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए स्वराज कौशल के निधन की आधिकारिक जानकारी दी। पोस्ट में पार्टी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा “सांसद एवं प्रदेश मंत्री बांसुरी स्वराज जी के पिताजी स्वराज कौशल जी का आज 4 दिसंबर, 2025 को निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे लोदी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा।”इस पोस्ट के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने संवेदनाएं व्यक्त कीं।

स्वराज कौशल का कानूनी और राजनीतिक सफर

स्वराज कौशल न सिर्फ एक प्रसिद्ध वकील थे बल्कि उनका राजनीतिक योगदान भी काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने आपातकाल के समय प्रकाश सिंह बादल और अन्य प्रमुख नेताओं के मामलों में वकालत की थी। 37 वर्ष की आयु में वे मिजोरम के राज्यपाल बने थे, जो कि संविधानिक पद पर नियुक्त होने वाले सबसे कम उम्र के राज्यपालों में से एक रिकॉर्ड है। उनकी पहचान एक संवेदनशील, सरल और कड़े निर्णय लेने वाले प्रशासक की रही है।

सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल-एक प्रेरक दंपति

स्वराज कौशल और सुषमा स्वराज की जोड़ी देश की सबसे प्रेरक राजनीतिक और सामाजिक साझेदारियों में से एक मानी जाती थी। दोनों ने सार्वजनिक जीवन में एक-दूसरे का भरपूर साथ दिया तथा अपने-अपने क्षेत्रों में उच्चतम स्तर पर पहुंचकर देश की सेवा की। सुषमा स्वराज के निधन के बाद भी स्वराज कौशल उनकी यादों और कार्यों को सोशल मीडिया पर साझा करते रहते थे, जिन्हें जनता खूब सराहती थी। उनका यह भावनात्मक जुड़ाव लोगों के दिलों में एक खास स्थान रखता है।

बेटी बांसुरी स्वराज के लिए कठिन समय

बीजेपी नेता और सांसद बांसुरी स्वराज के लिए यह क्षण बेहद दुखद है। उनकी माता सुषमा स्वराज के जाने के बाद अब पिता स्वराज कौशल का निधन उनके लिए एक बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।

देशभर से शोक संदेशों की बाढ़

स्वराज कौशल के निधन की खबर फैलते ही देशभर से शोक संदेश आने शुरू हो गए। केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, न्यायिक जगत की हस्तियों और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन को देश के लिए एक बड़ी क्षति बताया।स्वराज कौशल का निधन केवल एक वरिष्ठ नेता या वकील के जाने का दुख नहीं है, बल्कि यह देश की उस मजबूत, सादगीपूर्ण और प्रेरणादायी विचारधारा का अंत है, जिसे उन्होंने अपने जीवन से स्थापित किया था। उनकी विद्वता, विनम्रता और निष्ठा हमेशा याद की जाएगी। देश एक सच्चे कर्मयोगी को खो बैठा है, जिसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी।

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