Tablighi Jamaat Cleared: पांच साल बाद ‘बदनामी’ से मुक्ति! दिल्ली के तब्लीगी जमात के कई सदस्य कोरोना फैलाने की आरोपी से लगभग मुक्त हो गए हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस संगठन के सदस्यों के खिलाफ दायर 16 आरोपपत्र खारिज कर दिए। दरअसल तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ कई मामले पहले ही खारिज किए जा चुके हैं। विदेशी नागरिकों को शरण देने के मामले अभी भी लंबित हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उससे संबंधित 16 आरोपपत्र खारिज कर दिए।
तब्लीगी जमात के खिलाफ कई आरोप थे दर्ज
गौरतलब है कि 2020 में मार्च में दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के एक धार्मिक आयोजन में शामिल हुए कई तब्लीगी सदस्य कोरोना से संक्रमित हो गए थे। तब से संगठन को सरकार के गुस्से का सामना करना पड़ा । दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक आयोजन में शामिल हुए कई तब्लीगी जमात सदस्यों के खिलाफ कई आरोप दर्ज किए गए थे। महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। विदेशी नागरिकों को अवैध रूप से शरण देने का भी मामला दर्ज किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने किया था विरोध
2020 से इस संबंध में विभिन्न अदालतों में कई मामले लंबित है।दिल्ली पुलिस ने पहले तब्लीगी सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने की मांग का विरोध किया था। लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई सबुत नहीं मिला ।इसलिए पांच साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। चूंकि विदेशी नागरिकों को शरण देने के मामले को बरी कर दिया गया था, इसलिए दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ के सदस्य लगभग बेदाग साबित हो गए।
बॉम्बे HC ने भी किया था खारिज
इससे पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय ने निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक सभा में शामिल हुए विदेशी तब्लीगी जमात सदस्यों के खिलाफ मामला खारिज कर दिया था। बॉम्बे उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के दो न्यायाधीशों ने कहा “पुलिस ने राजनीतिक दबाव में जमात सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की। विदेशियों को बलि का बकरा बनाया गया था।” हालांकि अदालत में उनमें से एक के खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ।