Tahawwur Rana court hearing:26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार अमेरिका से भारत लाया गया है। लंबे समय से प्रत्यर्पण प्रक्रिया में फंसे इस पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक और आतंकी को अब भारत की जेल में रखा गया है। राणा ने भारत आने के बाद अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है, जिसमें उसने अपने परिवार के सदस्यों से बातचीत करने की अनुमति मांगी है। इस पर अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब तलब किया है। अदालत इस मामले की सुनवाई 23 अप्रैल को करेगी।
प्रशासन से कुरान की मांग
तहव्वुर राणा ने अपने आवेदन में कहा है कि वह जेल में रहते हुए अपने परिजनों से बात करना चाहता है। इसके साथ ही उसने जेल प्रशासन से कागज, पेन और कुरान की मांग भी की है। आतंकवादी राणा के इस नए रुख को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। गौरतलब है कि तहव्वुर राणा अमेरिका का स्थायी निवासी है और वहीं पर उसने डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर 26/11 हमले की साजिश रची थी। डेविड हेडली पहले ही इस हमले में अपनी भूमिका स्वीकार कर चुका है और राणा को उसका करीबी माना जाता है।
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देश भर में सनसनी
राणा का नाम 2008 में हुए 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया था। इस हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी और देश भर में सनसनी फैल गई थी। राणा पर गंभीर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं और NIA पहले से ही उसके खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है। भारत ने अमेरिका से उसका प्रत्यर्पण मांगा था, जिसे हाल ही में मंजूरी मिली।
क्या होगा अदालत की सुनवाई?
अब जब राणा भारत में है, तो उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। उसका परिवार से बात करने का अनुरोध एक मानवीय पक्ष जरूर दर्शाता है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा भी बन गया है। NIA को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी बातचीत के जरिए कोई जानकारी बाहर न जाए या राणा किसी भी तरह की साजिश का हिस्सा न बने। अब सबकी निगाहें 23 अप्रैल को होने वाली अदालत की सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें तय होगा कि तहव्वुर राणा को परिवार से बात करने की इजाजत मिलेगी या नहीं।

