Taliban Attack Pakistan: पाकिस्तान में एक बार फिर तालिबान आतंकवादियों ने खूनी हमला कर दिया है। शनिवार तड़के पेशावर के पास फकीर सराय इलाके में सेना के एक काफिले को निशाना बनाते हुए किए गए हमले में कम से कम 12 पाकिस्तानी जवान मारे गए। हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है।
कैसे हुआ हमला?
रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार की सुबह करीब 4 बजे सेना का काफिला फकीर सराय क्षेत्र से गुजर रहा था। तभी अचानक घात लगाकर बैठे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। अंधाधुंध गोलियों की बौछार से चारों ओर अफरा-तफरी मच गई और सेना के वाहन खून से लाल हो गए। गोलीबारी के बाद आतंकी मौके से फरार हो गए। सेना और स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया, लेकिन अब तक किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। हमले में घायल जवानों की सही संख्या अभी सामने नहीं आई है।
पहले भी हो चुके हैं हमले
यह पहला मौका नहीं है जब TTP ने पाकिस्तान सेना को निशाना बनाया हो। इससे पहले जून 2024 में भी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वज़ीरिस्तान जिले में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 16 जवानों की मौत हुई थी। TTP अफगानिस्तान से संचालित होने वाला आतंकी संगठन है जिसे पाकिस्तान सरकार कई बार प्रतिबंधित कर चुकी है लेकिन इसके हमलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
रणनीतिक रूप से अहम इलाका
हमले का स्थान फकीर सराय पाक-अफगान सीमा के पास है, जहां TTP की मजबूत मौजूदगी है। यह इलाका चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के बेहद करीब भी आता है। इस आर्थिक परियोजना में पहले भी कई बार चीन के अधिकारियों पर हमले हो चुके हैं, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर पड़ा है।
पाकिस्तान की बढ़ती सुरक्षा चुनौतियां
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में आतंकी हमलों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, खासकर TTP और बलूच अलगाववादी संगठनों की ओर से। खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य सीमावर्ती इलाकों में सेना पर हमले अब आम बात हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद TTP को नई ऊर्जा मिली है और पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
प्रधानमंत्री और सेना का कोई बयान नहीं
हमले के बाद अब तक पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया गया है। तालिबान समर्थित आतंकियों के हमले पाकिस्तान के लिए सुरक्षा और कूटनीतिक स्तर पर बड़ी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। बार-बार हो रहे हमलों से न सिर्फ सेना का मनोबल प्रभावित हो रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की अस्थिर स्थिति उजागर हो रही है।
