Tax Free Countries:आज के समय में जब अधिकतर देशों में इनकम टैक्स की दरें बढ़ती जा रही हैं, तब भी कुछ देश ऐसे हैं जहां नागरिकों को अपनी आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होता। इन देशों की यह कर-मुक्त नीति न सिर्फ वहां के नागरिकों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह निवेशकों और वैश्विक पेशेवरों को भी आकर्षित करती है। ऐसे देश आर्थिक रूप से स्थिर होने के बावजूद नागरिकों को राहत देने में सफल रहे हैं।इन देशों को आमतौर पर “Tax Havens” भी कहा जाता है क्योंकि यहां टैक्स की प्रणाली या तो बहुत सरल होती है या बिल्कुल नहीं होती। यही कारण है कि बड़ी संख्या में प्रवासी, व्यवसायी और अमीर लोग इन देशों को अपनी स्थायी निवास के रूप में चुनते हैं।
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ओमान में टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव
- अब तक ओमान भी उन देशों में शामिल था जहां व्यक्तिगत आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था, लेकिन अब इस नीति में बदलाव होने जा रहा है।
- ओमान सरकार ने घोषणा की है कि वर्ष 2028 से देश में व्यक्तिगत आय पर टैक्स लगाया जाएगा।
- यह फैसला देश की तेल-निर्भर अर्थव्यवस्था को विविध बनाने और स्थायीत्व लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
- प्रस्तावित योजना के अनुसार, जिनकी सालाना आमदनी 42,000 ओमानी रियाल (लगभग ₹93.5 लाख) से अधिक होगी, उन्हें 5% इनकम टैक्स देना होगा।
- ओमान पहले ही 5% वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) लागू कर चुका है और कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स भी लगाया जाता है। अब निजी आय पर टैक्स लगाना, सरकार के सुधारवादी एजेंडे का अगला कदम है।
दुनिया के टैक्स-फ्री देशों की सूची
वर्तमान में दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जहां आम नागरिकों से उनकी सैलरी या व्यापारिक आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता। ये देश आमतौर पर तेल, गैस, टूरिज्म या फाइनेंशियल सर्विसेज़ के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए हुए हैं।
यहां देखें इन टैक्स-फ्री देशों की सूची
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
- कुवैत
- क़तर
- सऊदी अरब
- बहरीन
- ब्रुनेई
- बाहामास
- मोनाको
- कायमैन आइलैंड्स
- ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स
- एंगुइला
- ओमान (2028 से टैक्स लागू होने की संभावना)
- इन देशों में रहने वाले लोगों को अपनी व्यक्तिगत आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यही वजह है कि ये देश निवेश, व्यवसाय और प्रवासी जीवन के लिए सबसे पसंदीदा माने जाते हैं।
सभी टैक्स-फ्री देश करेंगे बदलाव?
भले ही ये देश अभी टैक्स-फ्री हों, लेकिन बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था और आर्थिक दबावों के चलते कुछ देश अब अपनी कर-नीतियों में बदलाव की दिशा में बढ़ रहे हैं।ओमान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पहले कोई इनकम टैक्स नहीं था लेकिन अब उसे आर्थिक मजबूती और विविधता के उद्देश्य से लागू करने की तैयारी की जा रही है।भविष्य में ऐसे अन्य टैक्स-फ्री देश भी ग्लोबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के दबाव में आकर कर-नीतियों में परिवर्तन कर सकते हैं।

