Tejas LCA MK 1A: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है।रक्षा के क्षेत्र में भारतीय वायु सेना को जल्द ही तेजस एमके-1ए विमान मिलने वाला है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नासिक में तेजस एलसीए एमके-1ए लड़ाकू विमान का अनावरण किया।इस कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने एचटीटी-40 प्रशिक्षण विमान के लिए एक अन्य उत्पादन सुविधा का भी उद्घाटन किया यह सुविधा भारतीय वायु सेना की समग्र शक्ति और क्षमता में वृद्धि करेगी।
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भारतीय वायुसेना की क्षमता में वृद्धि
तेजस लड़ाकू विमान का निर्माण बेंगलुरु स्थित दो मौजूदा संयंत्रों में किया जा रहा है,जहां सालाना 16 जेट विमानों का उत्पादन होता है।यह देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।इस नए विमान में आधुनिक रडार प्रणाली के साथ-साथ आधुनिक आक्रमण क्षमताएं भी हैं।यह लड़ाकू विमान 2200 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ान भर सकता है और हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता रखता है।
भारतीय वायुसेना के बेड़े में 31.6% लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना की लगातार बढ़ती ताकत और क्षमता को देखते हुए इसकी TruVal Rating (TVR) 69.4 है यह रेटिंग ना केवल विमानों की संख्या का मूल्यांकन करती है बल्कि आक्रमण और रक्षा क्षमताओं,सैन्य सहायता,आधुनिकीकरण और परिचालन प्रशिक्षण जैसे कारकों का भी मूल्यांकन करती है।भारतीय वायुसेना के बेड़े में 31.6 प्रतिशत लड़ाकू विमान,29 प्रतिशत हेलीकॉप्टर और 21.8 प्रतिशत ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं।भारतीय वायुसेना के उपकरण अमेरिका,रुस,फ्रांस और इजरायल जैसे कई देशों में बने हैं।अमेरिका की वायुसेना के पास उच्चतम प्राप्त करने योग्य TVR स्कोर 242.9 है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया उद्धाटन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेजस एलसीए एमके-1ए की तीसरी उत्पादन लाइन और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर (HTT-40) की दूसरी उत्पादन लाइन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा,पिछले 6 दशकों से भी अधिक समय से HAL नासिक ने भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमता को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में एक मजबूत पिलर की भूमिका निभाई है।एक तरफ नासिक निर्माण का प्रतीक है तो दूसरी तरफ जरूरत पड़ने पर दुश्मनों का संहार करने की क्षमता भी रखती है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
राजनाथ सिंह ने कहा,मैं मानता हूं यह कैंपस महज एक इमारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है।जब मैं आत्मनिर्भरता की बात कर रहा हूं तो मेरे जहन में वो पूरी यात्रा चल रही है जिसकी शुरूआत हमने 2014 से की है।एक समय था जब देश में रक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हमारा देश दूसरे देशों पर निर्भर था लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है।अब भारत 65% विनिर्माण अपनी ही धरती पर कर रहा है और बहुत जल्द हम अपने घरेलू विनिर्माण को 100% तक ले जाना चाहते हैं।
WDMMA रेटिंग लिस्ट में तीसरे स्थान पर भारतीय वायुसेना
वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मॉर्डन मिलिट्री एयरक्राफ्ट की रेटिंग लिस्ट में अमेरिका की वायुसेना पहले नंबर पर दूसरे नंबर पर रुस और तीसरे नंबर पर भारत की सेना है।इस रैंकिंग में चौथे नंबर पर चीन की एयरफोर्स है और 5 वें नंबर पर जापानी वायुसेना है, जबकि इजरायली एयरफोर्स को छठा नंबर मिला है. उसके बाद सातवें नंबर पर फ्रांस की वायुसेना है।ब्रिटेन की वायुसेना फ्रांस के बाद आठवें नंबर पर है. पाकिस्तान की एयरफोर्स 18वें नंबर पर है, जबकि सऊदी अरब की एयरफोर्स को 17वां नंबर मिला है।वर्तमान वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मॉर्डन मिलिट्री एयरक्राफ्ट की लिस्ट में 103 देशों पर नजर रखी गई है और 129 हवाई सेवाओं को कवर किया गया है.
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