Tejashwi Liquor Ban: राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शराबबंदी कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है, तो शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाएगी। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर कानून खत्म करने की बात नहीं की, लेकिन साफ कहा कि इस पर समाज के सभी वर्गों, विशेषज्ञों और अधिकारियों से चर्चा कर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
नीतीश सरकार पर जमकर बरसे तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को एक बार फिर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “इस सरकार का एक इंजन भ्रष्टाचार में फंसा है और दूसरा अपराध में।” उन्होंने आरोप लगाया कि अब अपराधी ही सरकार चला रहे हैं। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि “एंबुलेंस में गैंगरेप हो रहा है, सरेआम गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं, और एक हफ्ते में 100 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं।” तेजस्वी ने इन हालातों को भयावह बताते हुए सरकार को पूरी तरह फेल बताया।
शराबबंदी, अपराध और भ्रष्टाचार होंगे चुनावी मुद्दे
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि आने वाले चुनाव में उनकी पार्टी शराबबंदी कानून, बढ़ते अपराध और सरकारी भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाएगी। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा, “सरकार के पास 71,000 करोड़ रुपये के CAG रिपोर्ट के घोटाले का कोई हिसाब नहीं है। उन्हें नहीं पता कि पैसा कहां खर्च हुआ।” उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है और नीतीश सरकार आम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
तेज प्रताप की नई पार्टी पर बोले तेजस्वी – फर्क नहीं पड़ता
वहीं जब तेजस्वी यादव से उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव द्वारा नई पार्टी बनाए जाने की अटकलों को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने हल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कितना पार्टी बनता रहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।” उन्होंने इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन यह जरूर स्पष्ट किया कि उनका ध्यान राज्य की मौजूदा सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर है, न कि व्यक्तिगत या पारिवारिक राजनीतिक घटनाक्रमों पर।
तेजस्वी यादव के इस बयान से साफ हो गया है कि बिहार में आगामी चुनावों में आरजेडी सरकार की नीतियों की समीक्षा के साथ-साथ नीतीश सरकार के कार्यकाल की आलोचना को मुख्य आधार बनाएगी। शराबबंदी कानून, बढ़ता अपराध और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे जनता के बीच जोर-शोर से उठाए जाएंगे। तेजस्वी का इशारा साफ है – बदलाव की बुनियाद अब इन ही सवालों पर रखी जाएगी।