Mokama Murder Case: बिहार के मोकामा में 30 अक्टूबर को जनसुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह को शुक्रवार रात पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है और आगामी चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है।
राजद का हमला और तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह गिरफ्तारी होना ही था और बिहार में जंगलराज की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आरा और सासाराम में हुई घटनाओं को देखा नहीं जा रहा। तेजस्वी ने दावा किया कि महागठबंधन की सरकार 18 नवंबर को शपथ लेगी और उसके बाद 26 नवंबर से 26 जनवरी के बीच जितने भी अपराधी हैं, उन्हें कानून के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अपराधी किसी भी जाति के हों, सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मीसा भारती का चुनाव आयोग पर आरोप
राजद नेता और तेजस्वी यादव की बहन मीसा भारती ने कहा कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी बिहार सरकार की पहल नहीं, बल्कि चुनाव आयोग के आदेश पर हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पहले इन्हें बचाती रही है और चुनाव के समय जेल से छोड़ देती थी। मीसा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के रोड शो के कारण कई दुकानदारों को पिछले दो दिनों से हटाया गया, जिनमें रेहड़ी और पटरी वाले भी शामिल हैं।
राजद प्रवक्ता का आरोप
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे नीतीश सरकार की फजीहत से बचने की कार्रवाई बताते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में गुंडाराज कैसे कायम हुआ, यह बताना चाहिए। मृत्युंजय ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर सवाल उठा रहे थे और अब अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने उनके आरोपों को सही ठहराया है।
जदयू का पक्ष
वहीं जदयू ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और अनंत सिंह की गिरफ्तारी पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है। पार्टी ने इस मामले को राजनीतिकरण न करने की अपील की।
राजनीतिक और कानून व्यवस्था पर असर
मोकामा हत्याकांड और अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने बिहार की राजनीतिक और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजद इसे नीतीश सरकार की नाकामी बता रही है, जबकि जदयू इसे कानून का पालन मानती है। आगामी 18 नवंबर के शपथ ग्रहण और चुनावी माहौल में इस घटना का प्रभाव राज्य की राजनीति पर गहरा पड़ सकता है।

