Bihar Politics : 2020 में कांग्रेस की वजह से नहीं बनी तेजस्वी की सरकार, RJD का बड़ा बयान, महागठबंधन में उठे सवाल

Chandan Das
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Bihar Politics : बिहार की सियासत में महागठबंधन के भीतर खींचतान के संकेत सामने आ रहे हैं। कांग्रेस की पटना में हाल ही हुई कार्यसमिति की बैठक के बीच, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने 2020 के विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 2020 में अगर तेजस्वी यादव की सरकार नहीं बन पाई, तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।

मृत्युंजय तिवारी ने कांग्रेस को घेरा

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “बिहार में हम बड़ी पार्टी हैं और हमारी ताकत सबसे ज्यादा है। लेकिन 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने महज 19 सीटें जीती थीं, जबकि उन्होंने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। यही वजह है कि तेजस्वी की सरकार बनने में बाधा आई।”

तिवारी ने कांग्रेस पर गठबंधन की रणनीति और सीटों के बंटवारे को लेकर भी अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि कांग्रेस की मांगें पूरी तरह से उचित नहीं थीं, जिससे महागठबंधन के भीतर तनाव की स्थिति बनी हुई है।

ओवैसी और भाजपा की ‘बी टीम’ वाली बात पर पलटवार

मृत्युंजय तिवारी ने AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाजपा की ‘बी टीम’ वाले बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, “ओवैसी की नियत साफ नहीं है। वे खुद भाजपा की बी टीम हैं और राजद को धमकी देकर गठबंधन करना चाहते हैं। यह किसी और के इशारे पर हो रहा है।”यह बयान इस बात की तरफ भी इशारा करता है कि महागठबंधन के भीतर नए राजनीतिक समीकरण और समझौतों के चलते सियासी जंग तेज होती जा रही है।

कांग्रेस को इस बार कितनी सीटें मिलेंगी?

2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन केवल 19 पर जीत हासिल की थी। इस बार कांग्रेस भी 70 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन आरजेडी की तरफ से सीटों में कटौती के संकेत मिल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि आरजेडी इस बार कांग्रेस को कम सीटें दे सकती है, खासकर क्योंकि महागठबंधन में नई पार्टियों जैसे मुकेश सहनी की वीआईपी, पशुपति पारस की पार्टी और हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा की एंट्री हो चुकी है।

आरजेडी ने दिया था कड़ा जवाब

कुछ दिन पहले राजद ने कांग्रेस को साफ शब्दों में कहा था कि वे “जिताऊ-हराऊ” सीटों के नाम पर किसी तरह का सौदा नहीं करेंगे। राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से कुछ हिस्से इन नई पार्टियों को देने होंगे, जिससे कांग्रेस के हिस्से में कम सीटें आ सकती हैं। यह स्थिति महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर नई राजनीतिक उलझनों को जन्म दे रही है।

बिहार की आगामी विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के भीतर सीटों को लेकर चल रही विवाद और राजद-कांग्रेस के बीच बढ़ते मतभेद राजनीतिक माहौल को और गर्माएंगे। कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन और राजद की सख्ती से महागठबंधन की रणनीति पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा ओवैसी जैसे तीसरे खिलाड़ी की भूमिका भी चुनावी समीकरणों को बदल सकती है।

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