Telangana News: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक बेहद सख्त और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक नया कानून लागू करने का ऐलान किया है। इस कानून के तहत बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल में नाकाम रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के वेतन से सीधे कटौती कर उपेक्षित माता-पिता के बैंक खाते में आर्थिक मदद के तौर पर पैसा भेजा जाएगा। यह फैसला राज्य में सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के साथ ही बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अहम माना जा रहा है।
माता-पिता को मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शनिवार को ग्रुप-2 के नव-चयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए बताया कि यह कानून जल्द ही राज्य में लागू होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस कदम के जरिए सुनिश्चित करेगी कि बुजुर्ग माता-पिता को उनके बेटे-बेटियों की ओर से आर्थिक मदद मिले और वे आर्थिक तंगी का सामना न करें। इस कानून के अनुसार यदि यह साबित होता है कि कोई सरकारी कर्मचारी अपने माता-पिता की देखभाल ठीक से नहीं कर रहा है तो उसके मासिक वेतन से 15% तक की राशि काटकर सीधे उपेक्षित माता-पिता के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी। यह मासिक आय बुजुर्गों के लिए बड़ा सहारा साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा “जिस तरह आप हर महीने वेतन प्राप्त करते हैं उसी प्रकार आपके माता-पिता को भी मासिक आय मिलेगी। यह कदम उनकी आर्थिक सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करेगा।”
नए अधिकारियों को कानून का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी
इस नए और अनूठे कानून का मसौदा तैयार करने का काम नव-चयनित ग्रुप-2 अधिकारियों को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने नए अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा “यह कानून आपके द्वारा तैयार किया जाएगा। हम चाहते हैं कि आप सामाजिक जिम्मेदारियों को समझें और जनता के प्रति संवेदनशील रहें।”इस पहल से न केवल नए सरकारी कर्मचारियों में सामाजिक चेतना बढ़ेगी बल्कि उन्हें राज्य के नीति निर्माण प्रक्रिया में भी सक्रिय भागीदार बनाया जाएगा।
देश में पहली बार इतना सख्त प्रावधान
भारत में पहले से ही ‘मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटिजन्स एक्ट, 2007’ मौजूद है, जो बुजुर्गों के भरण-पोषण को कानूनी तौर पर सुनिश्चित करता है। लेकिन तेलंगाना सरकार का यह कदम अपने कर्मचारियों के वेतन से सीधे कटौती करने वाला पहला सख्त कानून माना जा रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून केवल तेलंगाना में ही नहीं बल्कि पूरे देश में बुजुर्गों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगा।
सामाजिक और प्रशासनिक बदलाव की उम्मीद
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के इस साहसिक कदम को समाज में परिवार और बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी बढ़ाने वाला माना जा रहा है। साथ ही यह कानून सरकारी कर्मचारियों के लिए भी एक संदेश है कि वे केवल नौकरी नहीं कर रहे, बल्कि सामाजिक दायित्व भी निभा रहे हैं।आने वाले दिनों में यह कानून राज्य में लागू होते ही बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
Read More: Air India Flight: दिवाली से पहले झटका! एयर इंडिया की फ्लाइट रद्द, सैकड़ों यात्री मिलान में फंसे
