Manipur में फिर से दहशत! उग्रवादियों ने किसानों को बनाया निशाना….महिला की हत्या से मचा हडकंप

कुकी उग्रवादियों द्वारा किसानों पर गोलीबारी की घटना ने इलाके में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है.

Aanchal Singh
manipur violence

Manipur Violence: मणिपुर (Manipur) में एक बार फिर से तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है और हालिया घटनाओं ने इसे और भी उकसा दिया है. कुकी उग्रवादियों द्वारा किसानों पर गोलीबारी की घटना ने इलाके में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है. यह घटना इम्फाल पूर्व जिले के थमनपोक्पी (Thamanpokpi) गांव में घटी, जहां उग्रवादियों ने अचानक किसानों को निशाना बनाकर गोलीबारी शुरू कर दी. हालांकि, कई किसान बाल-बाल बच गए, लेकिन इस हमले ने स्थानीय समुदायों में चिंता और आक्रोश को जन्म दिया है.

Read More: Justice Sanjiv Khanna ने संभाला CJI का पद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई पद की शपथ

गोलीबारी में महिला की मौत

गोलीबारी में महिला की मौत

बताते चले कि, 7 नवंबर 2024 को थमनपोक्पी (Thamanpokpi) गांव से एक और दुखद घटना सामने आई, जब एक महिला की गोलीबारी में मौत हो गई. महिला का नाम सापम सोफिया था, जो धान की फसल काटने के लिए खेत में काम कर रही थी. उसी समय संदिग्ध उग्रवादियों ने करीब 100 मीटर की दूरी से गोलियां चलाई, जिससे महिला की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. गोलीबारी के बाद शव वहीं पर पड़ा रहा, लेकिन गांव के स्वयंसेवकों ने उसे बाद में किसी और हमले के डर से निकाल लिया. यह घटना स्थानीय समुदाय में घबराहट और आक्रोश को और बढ़ाने वाली साबित हुई.

जिरीबाम जिले में महिला के साथ मारपीट और हत्या की कोशिश

जिरीबाम जिले में महिला के साथ मारपीट और हत्या की कोशिश

इसी बीच, मणिपुर (Manipur) के जिरीबाम जिले में एक और हिंसक घटना हुई, जहां एक महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और उसे जिंदा जलाने की कोशिश की गई. इन घटनाओं ने राज्य में सुरक्षा के संकट को और बढ़ा दिया है. पुलिस ने इन दोनों घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और यह माना जा रहा है कि यह हिंसा इलाके को और अस्थिर करने की एक नई कोशिश हो सकती है.

राज्य में जातीय और राजनीतिक संघर्षों का इतिहास

राज्य में जातीय और राजनीतिक संघर्षों का इतिहास

मणिपुर (Manipur) में होने वाली हिंसा का इतिहास गहरे जातीय और राजनीतिक संघर्षों से जुड़ा हुआ है. यहां कुकी, नगा और मैतेई समुदायों के बीच काफी लंबे समय से तनाव रहा है। मणिपुर का मुद्दा केवल जातीय संघर्ष तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता, पहचान और स्वशासन के अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है. 1990 के दशक से मणिपुर में कई उग्रवादी संगठनों का उदय हुआ है, जिनका उद्देश्य अपनी-अपनी जातीय पहचान की रक्षा करना और राज्य से अलगाव की मांग करना है. इस संघर्ष के परिणामस्वरूप, राज्य में बार-बार हिंसा, गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई होती रही है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक माहौल अस्थिर बना हुआ है.

सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की योजना

सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की योजना

आपको बता दे कि, मणिपुर (Manipur) में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की योजना बनाई है. राज्य में सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों ने निगरानी बढ़ाने और आपातकालीन उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है, ताकि नागरिकों को और उग्रवादियों के हमलों से सुरक्षित रखा जा सके.

Read More: UP By-Election 2024: ‘अपराध और दुष्कर्म का प्रोडक्शन हाउस…’ उपचुनाव प्रचार में ये क्या बोल गए CM योगी ?

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version