Terror Plot Foiled: हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में 2563 किलो संदिग्ध विस्फोटक बरामद किया है। यह विस्फोटक इतना बड़ा है कि इसे उठाने के लिए ट्रक की मदद लेनी पड़ी। शुरुआती जांच में यह अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत हो रहा है।इससे पहले फरीदाबाद के धौज इलाके से 360 किलो विस्फोटक, 20 टाइमर, वॉकी-टॉकी और असॉल्ट रायफलें बरामद की गई थीं। जांच में यह भी सामने आया कि इन विस्फोटकों के पीछे मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. आदिल अहमद राठर का हाथ है।
डॉक्टर मुजम्मिल ने किराए पर लिया मकान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फतेहपुर तगा गांव में जिस मकान में विस्फोटक रखा गया था, उसे डॉ. मुजम्मिल ने एक मौलाना से किराए पर लिया था। मौलाना को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। यह घर धौज से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित है।डॉ. मुजम्मिल फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे और मेडिकल फील्ड में कार्यरत हैं। वहीं, डॉ. आदिल अहमद अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे। आदिल अहमद सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर तब आए, जब उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए।
हथियार और विस्फोटक सामग्री
पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल की निशानदेही पर विस्फोटक बरामद किए। इसके अलावा, एक महिला डॉक्टर की कार से असॉल्ट रायफल, पिस्टल और जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए हैं। यह कार डॉ. मुजम्मिल के सहयोगी के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जो फरीदाबाद के एक अस्पताल में कार्यरत हैं। महिला डॉक्टर से गहन पूछताछ जारी है।
आतंकी नेटवर्क में डॉक्टर और मौलवी
जांच में यह भी सामने आया है कि पकड़े गए आतंकियों में शिक्षित युवा और मेडिकल प्रोफेशनल्स शामिल थे। इनकी योजना देशभर में तबाही फैलाने की थी। अब तक इस साजिश में 7 लोगों के नाम सामने आए हैं।मुख्य गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:डॉ. आदिल अहमद डार (अनंतनाग) सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, डॉ. मुजम्मिल शकील (पुलवामा) मेडिकल प्रोफेशनल।सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकी रैकेट की वित्तीय और अंतरराज्यीय कड़ियों की जांच कर रही हैं। यह मामला साबित करता है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उनके सहयोगी किस तरह से देश में भय फैलाने की योजना बना रहे थे।फरीदाबाद पुलिस का कहना है कि आगे की जांच में इस आतंकी नेटवर्क के सभी सदस्यों और उनकी संपत्तियों तक पहुंच बनाई जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
