Jaffar Express Attack: पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में जाफ़र एक्सप्रेस ट्रेन पर एक बार फिर भीषण आतंकी हमला हुआ है। मंगलवार को मस्तुंग ज़िले के दश्त इलाके में हुए आईईडी विस्फोट से ट्रेन के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे ट्रेन में सवार 400 से अधिक यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई।यह इस साल मार्च और अगस्त के बाद जाफ़र एक्सप्रेस पर हुआ तीसरा बड़ा हमला है, जिसने पाकिस्तान में रेलवे की सुरक्षा और आतंरिक स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रेन में था 400+ यात्रियों का हुजूम
घटना के समय जाफ़र एक्सप्रेस पेशावर से क्वेटा जा रही थी। जैसे ही ट्रेन दश्त क्षेत्र में पहुंची, एक जोरदार विस्फोट हुआ जिससे 6 डिब्बे पटरी से उतर गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह एक IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट था, जिसे पहले से पटरी पर बिछाया गया था। विस्फोट के बाद ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई और कई यात्री घायल हो गए। स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
अब तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली
हालांकि अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन जिस इलाके में यह हमला हुआ है, वह लंबे समय से बलूच विद्रोहियों का गढ़ माना जाता है। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि बलूच विद्रोही समूह ही इस हमले के पीछे हो सकते हैं।
अगस्त और मार्च में भी हुए थे हमले
मार्च 2025: बलूच विद्रोहियों ने जाफ़र एक्सप्रेस का अपहरण कर लिया था। पाकिस्तानी सेना के दावे के अनुसार, सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया था। वहीं विद्रोहियों ने कहा था कि 214 बंधक मारे गए, जो पाकिस्तानी सेना से जुड़े थे। 10 अगस्त 2025: एक और विस्फोट में जाफ़र एक्सप्रेस के पाँच डिब्बे पटरी से उतर गए थे।पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सिर्फ अगस्त महीने में ही पांच बार यात्रियों से भरी ट्रेनों पर हमले किए गए हैं। इससे रेलवे की सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सरकार और सेना की चुप्पी
घटना के कई घंटे बीत जाने के बावजूद अभी तक पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और भय का माहौल है। विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान में राजनीतिक और जातीय असंतोष अब आंतरिक युद्ध का रूप लेता जा रहा है, और ट्रेन जैसे सार्वजनिक संसाधन अब सीधे निशाने पर हैं।
जाफ़र एक्सप्रेस पर बार-बार होने वाले हमले यह दर्शाते हैं कि बलूचिस्तान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार की कमजोर पकड़ और लगातार बढ़ते विद्रोह की घटनाएं पूरे पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा ढांचे पर सवालिया निशान छोड़ती हैं।
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