Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly elections) में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति का रंग भी चढ़ने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही प्रचार अभियान में कूद चुके हैं, वहीं अब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी बिहार की सियासत में सक्रिय होने जा रहे हैं। अखिलेश 25 अक्टूबर से बिहार दौरे पर निकलेंगे और ‘मिशन बिहार’ की शुरुआत करेंगे।
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दिवाली के बाद होगा अखिलेश का तूफानी प्रचार अभियान
मिली जानकारी के अनुसार, दिवाली के तुरंत बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बिहार में लगातार रैलियां और जनसभाएं करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी मौजूदगी से इंडिया गठबंधन को नया बल मिलेगा और राज्य में चुनावी माहौल और गर्म होगा। माना जा रहा है कि सपा प्रमुख की रैलियों से विपक्षी दलों को एनडीए के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने में मदद मिल सकती है।
अखिलेश-तेजस्वी की जोड़ी से विपक्ष को नई ऊर्जा
बताते चले कि, बिहार में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राजद नेता तेजस्वी यादव की जोड़ी एक बार फिर सुर्खियों में है। दोनों नेताओं की साझा रैलियों से सत्ता विरोधी माहौल को धार मिल सकती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बिहार में समाजवादी एकता का बिगुल बजने वाला है और यूपी-बिहार की यह राजनीतिक साझेदारी चुनावी समीकरणों को बदल सकती है।
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यूपी की पार्टियां भी बिहार चुनाव में कूदी
बिहार में इस बार यूपी की कई राजनीतिक पार्टियां भी मैदान में हैं। मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जबकि योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने 153 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। इससे स्पष्ट है कि बिहार चुनाव अब बड़े पैमाने पर बहु-राज्यीय सियासी अखाड़ा बन चुका है।
एनडीए और इंडिया गठबंधन में दिख रहा अंतर
बिहार चुनाव में दो प्रमुख गठबंधन आमने-सामने हैं। एक तरफ है एनडीए, जिसमें भाजपा, जदयू, लोजपा (रा), हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल हैं। दूसरी ओर है इंडिया गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, राजद, लेफ्ट पार्टियां और वीआईपी जैसे दल शामिल हैं। हालांकि, जहां एनडीए ने सीट बंटवारे के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, वहीं इंडिया गठबंधन में अभी भी सीट शेयरिंग को लेकर असमंजस बना हुआ है।
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर खींचतान
इंडिया गठबंधन में मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) उपमुख्यमंत्री पद की मांग और ज्यादा सीटों को लेकर अड़े हुए हैं। वहीं, कांग्रेस और राजद के बीच भी सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में अखिलेश यादव की एंट्री से यह गठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतरने की कोशिश करेगा।
बिहार चुनाव में यूपी की राजनीति की गूंज अब और तेज हो गई है। योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव जैसे बड़े नेताओं की एंट्री से चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प और बहुपक्षीय हो गया है। अखिलेश की सक्रियता से न सिर्फ इंडिया गठबंधन को बल मिलेगा, बल्कि बिहार में विपक्षी एकता को भी नई दिशा मिल सकती है।

