Election Commission : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा 18 सितंबर को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर अब चुनाव आयोग ने अपना पक्ष सामने रखा है। आयोग ने राहुल गांधी के वोट डिलीट संबंधी आरोपों को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है।
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया था कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कई राज्यों विशेषकर कर्नाटक की आलंद सीट से कांग्रेस समर्थक, दलित और आदिवासी समुदाय के हजारों वोट जानबूझकर डिलीट किए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह काम कुछ निजी कंपनियों और कॉल सेंटरों के माध्यम से संगठित साजिश के तहत हुआ, और चुनाव आयोग इस पर चुप्पी साधे हुए है।
चुनाव आयोग का जवाब: “आरोप पूरी तरह बेबुनियाद”
राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस खत्म होते ही चुनाव आयोग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा:“राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और गलतफहमी पर आधारित हैं। जनता का कोई भी सदस्य ऑनलाइन किसी का वोट डिलीट नहीं कर सकता।”आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर सूची से किसी भी नाम को हटाने से पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर सुनवाई का अवसर दिया जाता है। बिना उचित प्रक्रिया के कोई वोट नहीं हटाया जा सकता।
❌Allegations made by Shri Rahul Gandhi are incorrect and baseless.#ECIFactCheck
✅Read in detail in the image attached 👇 https://t.co/mhuUtciMTF pic.twitter.com/n30Jn6AeCr
— Election Commission of India (@ECISVEEP) September 18, 2025
आलंद सीट पर आयोग की सफाई
राहुल गांधी ने जिस कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का जिक्र किया, उस पर चुनाव आयोग ने कहा कि: वर्ष 2023 में कुछ प्रयास जरूर किए गए थे वोट हटाने के, लेकिन वे असफल रहे। मामले की स्वतः जांच शुरू की गई और आयोग के प्राधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी। रिकॉर्ड के अनुसार, 2018 में यह सीट भाजपा के सुभाष गुट्टेदार और 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल ने जीती थी, इसलिए राहुल गांधी का यह दावा भी तथ्यात्मक रूप से कमजोर है कि इससे कांग्रेस को नुकसान हुआ।
पुराना आरोप, पुराना जवाब
चुनाव आयोग ने यह भी याद दिलाया कि राहुल गांधी पहले भी 7 अगस्त को प्रेस कांफ्रेंस कर ऐसे ही आरोप लगा चुके हैं, और तब भी आयोग ने उचित तथ्यों के साथ उनका जवाब दिया था।
राहुल गांधी के ताजा आरोपों ने चुनावी राजनीति को फिर गर्मा दिया है, लेकिन चुनाव आयोग का त्वरित और तथ्यात्मक जवाब यह दिखाता है कि प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी हुई है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अगला कदम क्या उठाती है, और क्या यह मामला राजनीतिक बहस से आगे कानूनी मोड़ लेता है।
