Amol Muzumdar: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वीमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 जीतकर इतिहास रच दिया है। कप्तान हर्मनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक जीत के पीछे एक नाम सबसे खास रहा – टीम के हेड कोच अमोल मजूमदार। उनके शांत नेतृत्व, रणनीति और कड़ी मेहनत ने भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
वो खिलाड़ी जो टीम इंडिया के लिए कभी नहीं खेले
अमोल मजूमदार भारतीय क्रिकेट के उन चुनिंदा नामों में से हैं, जिन्होंने भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व न किया हो, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी। 1974 में मुंबई में जन्मे अमोल ने 171 फर्स्ट क्लास मैचों में 11,167 रन बनाए, जिनमें 30 शतक और 60 अर्धशतक शामिल हैं।
उनका करियर उस दौर में शुरू हुआ, जब भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज मौजूद थे। इतनी प्रतिस्पर्धा के बीच उन्हें भारत की जर्सी पहनने का मौका नहीं मिल पाया। लेकिन अमोल ने कभी हार नहीं मानी। उनके पिता अनिल मजूमदार की एक सलाह ने उनका दृष्टिकोण बदल दिया — “खेल छोड़ना नहीं, तेरे अंदर अभी भी क्रिकेट बाकी है।” यही वाक्य उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
कोचिंग में नई पहचान
अमोल मजूमदार ने 2014 में सक्रिय क्रिकेट से संन्यास लिया और कोचिंग की राह चुनी। उन्होंने नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों के साथ काम किया और आईपीएल की राजस्थान रॉयल्स के लिए भी कोचिंग दी। साल 2023 में वे भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बने, और उनके मार्गदर्शन में टीम इंडिया ने नई ऊंचाइयां छू लीं।अमोल की कोचिंग फिलॉसफी “खिलाड़ियों को आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती देना” रही। उन्होंने खिलाड़ियों के खेल को निखारने के साथ-साथ उन्हें दबाव की परिस्थितियों में स्थिर रहने की कला सिखाई।
विश्व कप 2025 में भारतीय महिला टीम का जलवा
वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। बल्लेबाजी में हर्मनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा चमकीं, वहीं गेंदबाजों ने विपक्षी टीमों को पलटवार का मौका नहीं दिया। इस जीत के बाद हर्मनप्रीत कौर ने भावुक होकर कोच अमोल मजूमदार के पैर छूकर उन्हें सम्मानित किया — यह दृश्य पूरे भारत के दिलों को छू गया।
टीम वर्क और कोच की दूरदर्शिता की जीत
भारत की इस ऐतिहासिक जीत ने साबित कर दिया कि अगर सही दिशा, रणनीति और विश्वास मिले, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। अमोल मजूमदार ने अपने अनुभव और दृष्टिकोण से महिला क्रिकेट को नई पहचान दी है।
इस जीत के साथ भारतीय महिला क्रिकेट ने न सिर्फ अपना सपना पूरा किया, बल्कि पूरे देश को गर्व का कारण दिया। यह सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि कोच अमोल मजूमदार की दूरदर्शिता और मेहनत की जीत है।हर्मनप्रीत कौर का वह भावुक पल, जब उन्होंने कोच के पैर छुए, भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है — एक साइलेंट हीरो को सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में।
