Ahmedabad Plane Crash : अहमदाबाद विमान दुर्घटना को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाते हुए, हादसे में मारे गए पायलट कैप्टन सुमित सबरवाल के 90 वर्षीय पिता पुष्कराज सबरवाल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और AAIB के महानिदेशक को पत्र लिखकर फिर से निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की है।
“बिना आधार लगाए गए आरोप, बेटे की छवि को नुकसान”
पुष्कराज सबरवाल का कहना है कि AAIB द्वारा जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट अधूरी, पक्षपाती और तर्कहीन है। उन्होंने पत्र में लिखा:”इस रिपोर्ट में मेरे बेटे सुमित सबरवाल की मानसिक स्थिति को लेकर मीडिया में गलत छवि बनाई जा रही है। इससे न केवल उनके सम्मान को ठेस पहुंची है, बल्कि हमारे परिवार पर भी मानसिक आघात पड़ा है।” उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि “हर नागरिक को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है” और उनके बेटे को मृत्यु के बाद भी यह अधिकार मिलना चाहिए।
दुर्घटना में 200 से अधिक मौतें रिपोर्ट में उठे गंभीर सवाल
गौरतलब है कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के टेक-ऑफ के चंद सेकंड बाद दुर्घटना हो गई थी, जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक-ऑफ के दौरान अचानक विमान के दोनों इंजन ‘फ्यूल कटऑफ मोड’ में चले गए, जिससे ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जब एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “इंजन क्यों बंद किया?” तो जवाब आया “मैंने कुछ नहीं किया।” हालांकि पायलटों ने तुरंत इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की, लेकिन एक इंजन चालू हुआ और दूसरा नहीं हो सका। इससे थ्रस्ट नहीं मिल पाया और विमान नीचे गिर गया।
पायलट सुमित के रिपोर्ट के बाद कटघरे में खड़ा किया गया
रिपोर्ट के सामने आते ही कैप्टन सुमित सबरवाल की भूमिका पर उंगलियां उठाई जाने लगीं। सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें दुर्घटना का मुख्य जिम्मेदार बताया जाने लगा, जिससे उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचा है।
इसी के विरोध में पुष्कराज सबरवाल ने आवाज उठाई है। उनका कहना है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी और तकनीकी दृष्टिकोण से होनी चाहिए, ना कि किसी एक व्यक्ति को बलि का बकरा बनाकर।यह मामला न केवल एक भयावह विमान दुर्घटना की तकनीकी जांच का है, बल्कि मृत पायलट की गरिमा और परिवार के सम्मान से भी जुड़ा है। 90 वर्षीय बुजुर्ग पिता की यह अपील अब प्रशासन और जांच एजेंसियों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन चुकी है। देखना होगा कि क्या सरकार इस पर दोबारा जांच के आदेश देती है।
