All Party Delegation visit to UAE: दुनिया में आतंकवाद पर पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का एक ग्रुप आज विदेश यात्रा के लिए रवाना हो चुका है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के ग्रुप-3 का नेतृत्व जेडीयू नेता संजय झा कर रहे हैं।यह ग्रुप जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया के दौरे पर रहेगा।जेडीयू नेता संजय झा ने अपनी विदेश यात्रा से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए लिखा,पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा के लिए टोक्यो रवाना होने से पूर्व नई दिल्ली एयरपोर्ट पर सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ। यात्रा का उद्देश्य आतंकवाद को संरक्षण देने की पाकिस्तान की नीति और जवाब में भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई का सच पूरी दुनिया को बताना है।
पाक को बेनकाब करने फर्स्ट डेलिगेशन विदेश रवाना
इस ग्रुप के सदस्यों में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृज लाल, प्रदान बरुआ और हेमंग जोशी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) के सांसद जॉन ब्रिटास शामिल हैं। राजदूत मोहन कुमार विशेषज्ञ के रूप में समूह के साथ रहेंगे। इस यात्रा के जरिए दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का भारत का सख्त संदेश दिया जाएगा। भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने के लिए एक संगठित और आक्रामक कूटनीतिक मुहिम की शुरुआत कर दी है।बुधवार से शुरू हो रही इस पहल की पहली कड़ी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में देखने को मिलेगी,जहां शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यूएई पहुंचेगा।
दुनिया के 32 देशों में पहुंचेगा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
यह प्रतिनिधिमंडल UAE के अलावा लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन का भी दौरा करेगा।7 प्रतिनिधिमंडलों को मिलाकर यह अभियान 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संघ मुख्यालय तक फैला होगा।इस मुहिम में सभी राजनीतिक दलों 51 सांसदों को शामिल किया गया है जिनमें 31 सांसद सत्तारूढ़ एनडीए और 20 विपक्षी दलों से हैं।
7 प्रतिनिधिमंडलों में एक-एक मुस्लिम प्रतिनिधि भी शामिल
प्रतिनिधिमंडलों में संतुलन बनाए रखने के लिए प्रत्येक दल से विभिन्न पार्टियों के नेता शामिल किए गए हैं जिनमें बैजयंत पांडा (भाजपा), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) प्रमुख हैं।सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि को शामिल किया गया है,जो या तो राजनेता हैं या पूर्व राजनयिक ताकि यह संदेश भी दिया जा सके कि,भारत की लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है न कि किसी धर्म विशेष के विरुद्ध।

