Zubeen Garg Death: मशहूर गायक जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत की जांच में अब तक कई नए खुलासे सामने आए हैं, लेकिन मौत की असली वजह अभी भी साफ नहीं हो पाई है। जुबीन गर्ग की पोस्टमार्टम और ऑटोप्सी रिपोर्ट पहले ही आ चुकी है, लेकिन विसरा रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी दी है कि विसरा रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2025 तक आने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो पाएगा कि जुबीन की मौत किस कारण से हुई प्राकृतिक, हादसा या साजिश।
पुलिस कर रही जांच

जांच को लेकर असम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, गायक को जहर दिए जाने की आशंका के चलते कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। जुबीन गर्ग के एक बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने दावा किया है कि उन्हें सिंगापुर में जहर दिया गया था। इस सिलसिले में जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, इवेंट ऑर्गेनाइजर श्यामकानु महंता, सिंगर अमृताप्रभा महंता और को-म्यूजिशियन शेखर ज्योति गोस्वामी को हिरासत में लिया गया है।
सीएम ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री ने असमिया समुदाय से अपील की है कि वे सिंगापुर में पकड़े गए संदिग्धों की भारत वापसी के लिए सरकार पर दबाव बनाएं। उन्होंने कहा कि अगर वे लोग भारत नहीं आए, तो जांच पूरी करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को यह चिंता सता रही है कि वे लोग भारत आकर जांच में सहयोग करेंगे या नहीं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर सिंगापुर से संदिग्ध वापस लाए जाते हैं, तो जुबीन गर्ग की मौत की सच्चाई सामने आ सकती है।
बैंडमेट ने लगाए साजिश के आरोप
असम पुलिस द्वारा कोर्ट में जमा की गई रिमांड नोट में बताया गया है कि जुबीन के बैंडमेट शेखर ने आरोप लगाया है कि जुबीन को साजिश के तहत सिंगापुर ले जाया गया, जहां उन्हें जहर दिया गया। साजिश में मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और इवेंट ऑर्गेनाइजर श्यामकानु महंता का नाम लिया गया है। शेखर ने दावा किया कि होटल में ठहराव के दौरान सिद्धार्थ का व्यवहार बेहद संदिग्ध था। इस केस से जुड़े असम पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग, जो जुबीन गर्ग के साथ सिंगापुर गए थे, ने भी गुवाहाटी में CID के सामने बयान दर्ज कराया है।
क्या हुआ था सिंगापुर में?

जुबीन गर्ग 19 सितंबर 2025 को “पूर्वोत्तर भारत महोत्सव” में म्यूजिक शो के लिए सिंगापुर गए थे। इसी दौरान, स्विमिंग करते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने उस समय “जाबो दे, जाबो दे” (छोड़ दो) चिल्लाया था। उसके बाद वे बेहोश हो गए। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन जुबीन को बचाया नहीं जा सका।
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