Karwa Chauth 2025: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, स्वस्थ जीवन और सुख-समृद्धि के लिए पूरे दिन उपवास रखती हैं। करवा चौथ की पूजा में चौथ माता, शिव परिवार और चंद्र देवता की विशेष आराधना की जाती है। दिन भर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण किया जाता है।
Read More: Chhath Puja 2025: कब है छठ पूजा? जानिए नहाय-खाय से सूर्य को अर्घ्य तक पूरी जानकारी…
छलनी से चंद्रमा देखने की परंपरा की कथा
बताते चले कि, करवा चौथ की प्राचीन कथा में बताया गया है कि एक बार बहन वीरवती उपवास के दौरान भूख-प्यास से बहुत परेशान हो गई थी। उसके भाईयों ने उसे धोखा देकर चंद्रमा के उदय से पहले पेड़ की ओट में छलनी लगाकर चांद दिखा दिया। इसके बाद वीरवती ने व्रत तोड़ लिया, जिससे उसके पति की मृत्यु हो गई। परन्तु जब उसने सच्चे मन से व्रत किया और छलनी से चंद्रमा को देखा, तो उसका पति जीवित हो गया। तभी से छलनी से चांद देखने की परंपरा चली आ रही है। माना जाता है कि छलनी से चांद के प्रतिबिंब जितने अधिक होते हैं, पति की आयु उतनी ही बढ़ती है।
करवा चौथ की पूजा विधि और व्रत खोलने का सही समय
करवा चौथ के दिन शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देना अनिवार्य होता है। चांद के दर्शन के बाद ही महिलाएं अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। यह अनुष्ठान पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए माना जाता है। चंद्रमा को छलनी से देखना व्रत की सबसे खास रस्मों में से एक है, जो श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है।
बड़े शहरों में चंद्रमा निकलने का समय
आपको बता दे कि, इस वर्ष 10 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया जा रहा है। अलग-अलग शहरों में चंद्रमा निकलने का समय भी भिन्न है। दिल्ली में चांद रात 08:13 बजे उगेगा, वहीं नोएडा में 08:12 बजे, गुरुग्राम में 08:14 बजे, मेरठ में 08:10 बजे और मुंबई में 08:55 बजे चांद का उदय होगा। कोलकाता में रात 07:42 बजे, चेन्नई में 08:38 बजे, लखनऊ में 08:02 बजे और पटना में 07:48 बजे चंद्रमा दिखाई देगा। महिलाओं को चंद्रमा निकलने के बाद ही अर्घ्य देना चाहिए और पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करना चाहिए।
करवा चौथ का व्रत न सिर्फ पति की लंबी उम्र की कामना का पर्व है, बल्कि यह महिलाओं के दृढ़ निश्चय, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक भी है। छलनी से चंद्रमा देखने की परंपरा एक पावन श्रद्धा है जो कई पीढ़ियों से चली आ रही है। इस शुभ अवसर पर सही समय पर पूजा और व्रत खोलने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। सभी सुहागिनों को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।
Read More: Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत टूटने पर क्या करें? जानें जरूरी नियम
