Dhanteras 2025: धनतेरस (Dhanteras) को सामान्यतः खरीदारी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग बर्तन, गहने, इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन जैसी वस्तुएं खरीदते हैं। लेकिन इस त्योहार की असली महत्ता भगवान धन्वंतरि की पूजा में निहित है, जो आयुर्वेद के देवता और देवताओं के वैद्य माने जाते हैं। पहले इस दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता था, जिसे अब सरकार ने 23 सितंबर को शिफ्ट कर दिया है। इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा।
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धनत्रयोदशी: कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी का पावन दिन
आपको बता दे कि, धनतेरस (Dhanteras) को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है क्योंकि यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उनके हाथ में अमृत कलश होने का प्रतीकात्मक अर्थ है रोगों से मुक्ति और दीर्घायु। इसीलिए इस दिन उनकी पूजा कर लोग आरोग्य, लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
समुद्र मंथन की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि दुर्वासा के श्राप से देवताओं की शक्ति क्षीण हो गई थी, जिससे राक्षसों ने ब्रह्मांड पर कब्जा कर लिया। अंधकार फैल गया। तब भगवान विष्णु ने देवताओं को समुद्र मंथन का सुझाव दिया, जिससे वे अमृत प्राप्त कर पुनः शक्तिशाली बन सकें। देवता और दैत्य मिलकर मंदार पर्वत को मंथन की छड़ी और वासुकी नाग को रस्सी बनाकर मंथन करते हैं। इस मंथन से 14 रत्न निकले, जिनमें मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि शामिल थे।
भगवान धन्वंतरि: आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य
भगवान धन्वंतरि के हाथ में जो अमृत कलश था, उसे जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए उन्हें आयुर्वेद का जनक और देवताओं का वैद्य कहा जाता है। उनकी पूजा से केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, मानसिक शांति और संतुलन की भी कामना की जाती है। धनतेरस का यह पहलू आज भी स्वास्थ्य और आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करता है।
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मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा
धनतेरस (Dhanteras) के दिन मां लक्ष्मी और कुबेर देव की भी पूजा की जाती है ताकि घर में धन-संपदा बनी रहे। हालांकि, भगवान धन्वंतरि की पूजा इस बात की भी याद दिलाती है कि धन के साथ-साथ स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। यह त्योहार केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की कामना का भी प्रतीक है।
स्वास्थ्य से जुड़ी खरीदारी की बढ़ती भूमिका
आज के दौर में धनतेरस (Dhanteras) पर लोग हेल्थ इंश्योरेंस, आयुर्वेदिक उत्पाद और फिटनेस से संबंधित वस्तुएं भी खरीदते हैं, ताकि साल भर स्वस्थ और संतुलित जीवन बना रहे। यह परंपरा बताती है कि समय के साथ इस त्योहार का स्वरूप बदल रहा है और लोग स्वास्थ्य को भी आर्थिक समृद्धि जितना महत्व देने लगे हैं।
धनतेरस केवल खरीदारी का त्योहार नहीं, बल्कि भगवान धन्वंतरि की पूजा के माध्यम से स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना का पर्व है, जो आज भी हमारी संस्कृति और जीवनशैली में गहरा प्रभाव रखता है।
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