Diwali 2025: इस बार 5 नहीं पूरे 6 दिन मनेगा दिवाली पर्व, जानिए तारीख और हर दिन का महत्व…

Aanchal Singh
Diwali 2025
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Diwali 2025: पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि तक दीपावली का पर्व मनाया जाता है। आमतौर पर यह उत्सव 5 दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजन), गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल होते हैं। लेकिन इस बार त्रयोदशी तिथि में वृद्धि होने के कारण दीपोत्सव 6 दिनों तक मनाया जाएगा। यह शुभ आरंभ 18 अक्टूबर 2025 से होगा और 23 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा।

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धनतेरस 18 और 19 अक्टूबर को, दोनों दिन शुभ

बताते चले कि, 18 अक्टूबर को दोपहर 12:19 बजे के बाद त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी, जो पूरे दिन रहेगी। इसलिए इस दिन धनतेरस की खरीदारी और पूजा करना शुभ रहेगा। वहीं 19 अक्टूबर को भी त्रयोदशी तिथि दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी, जिससे इस दिन भी भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व रहेगा। दोनों दिन पूजा और खरीदारी के लिए उपयुक्त रहेंगे।

किस दिन मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी ?

आपको बता दे कि, सोमवार 20 अक्टूबर 2025 को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:45 बजे तक रहेगी। इस दिन प्रातः नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) का उत्सव मनाया जाएगा। दोपहर बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जिसमें शाम के प्रदोष काल में माता लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। इस दिन दीपावली का मुख्य पर्व भी मनाया जाएगा।

21 अक्टूबर को नहीं होगी गोवर्धन पूजा

दीवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व होता है, जो आमतौर पर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस बार मंगलवार, 21 अक्टूबर को दोपहर तक अमावस्या तिथि रहेगी, जिससे गोवर्धन पूजन संभव नहीं होगा। ऐसे में यह पर्व अगले दिन मनाया जाएगा।

किस दिन होगी गोवर्धन पूजन और अन्नकूट उत्सव ?

बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को उदयातिथि के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि रहेगी। इस दिन लोग गोवर्धन पूजा करेंगे और भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग अर्पित करेंगे। मंदिरों और घरों में विशेष सजावट और पूजा अनुष्ठान का आयोजन होगा।

23 अक्टूबर को भाई दूज

गुरुवार, 23 अक्टूबर को दीपोत्सव का छठा और अंतिम दिन होगा, जिसमें भाई दूज मनाई जाएगी। इस दिन बहनें अपने भाई को टीका करके भोजन कराती हैं, और उनके सुख-समृद्धि व दीर्घायु की कामना करती हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।

Disclaimer: यह जानकारी पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक क्रिया या तिथि का पालन करने से पूर्व विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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