JPC Controversy: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने संसद में पेश किए गए तीन महत्वपूर्ण विधेयकों और उन पर विचार करने के लिए गठित जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे एक “राजनीतिक तमाशा” बताते हुए कहा है कि वह इस समिति में कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगी। मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने तीन प्रमुख विधेयक संसद में पेश किए ,केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025।
इन विधेयकों का मकसद गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार नेताओं को पद से हटाने के लिए एक कानूनी तंत्र तैयार करना है। दोनों सदनों ने इन बिलों को संयुक्त समिति को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल होंगे। समिति को शीतकालीन सत्र तक रिपोर्ट सौंपनी है।
लोकसभा में विधेयक पेश होते ही हंगामा
जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इन विधेयकों को पेश किया, तो विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया। हंगामे के दौरान विधेयकों की प्रतियां फाड़कर अमित शाह की ओर फेंकी गईं। विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने का उपकरण बन सकते हैं। इन विधेयकों में यह प्रावधान है कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होता है और 30 दिन के भीतर कोर्ट से जमानत नहीं लेता, तो वह स्वतः पद से अयोग्य हो जाएगा। जमानत मिलने पर वह दोबारा पद पर बहाल हो सकता है। यह प्रावधान लोकतंत्र और प्रशासन की गरिमा बनाए रखने के लिए लाया गया है।
तीनों विधेयकों का कानूनी आधार क्या है?
गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) विधेयक 2025 ,1963 के अधिनियम की धारा 45 में संशोधन कर केंद्र शासित प्रदेशों में गिरफ्तार मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों को हटाने का प्रावधान लाया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में बदलाव कर केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्रियों को गिरफ्तारी की स्थिति में पद से हटाने का रास्ता साफ होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम जनता में भरोसा बनाए रखने और प्रशासन की शुद्धता के लिए आवश्यक है, जबकि विपक्ष, खासकर TMC, इसे राजनीतिक हथियार करार दे रही है। अब सभी की निगाहें शीतकालीन सत्र पर होंगी, जब JPC इन विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
