Banke Bihari Temple : वृंदावन स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के तोशाखाना में रविवार को लगातार दूसरे दिन भी खजाने की जांच का कार्य जारी रहा। सुरक्षा और पारदर्शिता के बीच कमेटी और प्रशासनिक टीम ने मंदिर के मुख्य तोशाखाने का ताला खोला। इस दौरान कई दुर्लभ और ऐतिहासिक वस्तुएं सामने आईं, जिनमें सोने की छड़ी, चांदी की तीन छड़ें, कीमती नग, सिक्के और बर्तन शामिल हैं।
ग्राइंडर से काटा गया दरवाजा, मिला तहखाना
खजाना खोलने की प्रक्रिया में मंदिर के मुख्य तोशाखाने का दरवाजा ग्राइंडर से काटकर खोला गया। जैसे ही टीम अंदर पहुंची, तो एक और कमरे में लकड़ी के दो संदूक दिखाई दिए—एक बड़ा और एक छोटा। इसके अलावा, कमरे में एक लंबा लकड़ी का बक्सा भी मिला, जिसमें सोने की छड़ी और गुलाल लगी चांदी की तीन छड़ें रखी हुई थीं।
इसके बाद टीम ने सीढ़ियों के जरिए नीचे तहखाने में भी प्रवेश किया। हैरानी की बात यह रही कि तहखाना एकदम साफ और खाली मिला। किसी प्रकार की संपत्ति या सामग्री वहां मौजूद नहीं थी।
ठाकुर जी की होली से जुड़ी वस्तुएं?
मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने बताया कि जो छड़ियां मिली हैं, उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि ये ठाकुर जी द्वारा होली खेलने में उपयोग की जाती रही होंगी। उनका कहना है कि संभवत: धुरेड़ी (होली के बाद का उत्सव) के दिन ठाकुर जी द्वारा सोने की छड़ी धारण की जाती रही होगी, जो अब खजाने में प्राप्त हुई है।
कीमती नग और सिक्के भी मिले
संदूकों में कई कीमती नग, पुराने सिक्के और कुछ प्राचीन धातु के बर्तन भी मिले हैं। मंदिर के कर्मचारियों ने नगों को साफ कर कमेटी के सामने प्रस्तुत किया, जिसके बाद इन्हें अधिकारियों को सौंप दिया गया।
पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई कार्रवाई
इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रशासन, मंदिर कमेटी और पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। एक-एक वस्तु को दस्तावेजीकृत कर सूचीबद्ध किया जा रहा है। किसी भी वस्तु को बिना निरीक्षण के बाहर नहीं ले जाया गया। बांके बिहारी मंदिर का यह तोशाखाना पहली बार सार्वजनिक जांच में खोला गया है और इसके अंदर से मिली वस्तुएं धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। सोने-चांदी की छड़ियों से लेकर कीमती नगों तक, यह खजाना न केवल ठाकुर जी की आराधना के अद्भुत स्वरूप को दर्शाता है, बल्कि मंदिर की ऐतिहासिक विरासत का भी साक्षी है।
