Trump Kim meeting 2025: किम जोंग उन के बिना शर्त बैठक पर हुए राजी ट्रंप , APEC सम्मेलन में हो सकती है मुलाकात

Chandan Das
Kim Jung

Trump Kim meeting 2025: अमेरिका के राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के संभावित राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से मुलाकात की इच्छा जताई है। हैरानी की बात यह है कि इस बार ट्रंप बिना किसी शर्त के बातचीत को तैयार हैं। दक्षिण कोरिया की प्रमुख समाचार एजेंसी ‘योन्हाप’ ने व्हाइट हाउस के हवाले से यह बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप और किम के बीच 31 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच होने वाले APEC सम्मेलन के इतर दक्षिण कोरिया में मुलाकात संभव है।

पहली बार “बिना शर्त” वार्ता की पेशकश

ट्रंप प्रशासन में यह पहली बार है जब किसी पूर्व शर्त के बिना उत्तर कोरिया से सीधी बातचीत की बात की जा रही है। अब तक अमेरिका की नीति स्पष्ट रही है—बातचीत तभी होगी जब उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण लगाएगा। लेकिन इस बार ट्रंप ने यह संकेत दिए हैं कि शांति और स्थिरता की दिशा में संवाद की जरूरत है और इसके लिए कोई पूर्व शर्त जरूरी नहीं।

ट्रंप-किम के पुराने रिश्ते

डोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपने राष्ट्रपति कार्यकाल (2017-2021) के दौरान किम जोंग उन से तीन बार मुलाकात कर चुके हैं—सिंगापुर (2018), वियतनाम (2019), और उत्तर-संयुक्त कोरिया सीमा (DMZ) पर। उनका दावा है कि इन बैठकों ने कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने में मदद की। ट्रंप मानते हैं कि सीधी बातचीत ही परमाणु संकट को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।

दूसरी ओर, किम जोंग उन ने भी हाल ही में उत्तर कोरियाई संसद में ट्रंप से मुलाकात को “सकारात्मक अनुभव” बताया है, जो भविष्य के लिए दरवाज़ा खोल सकता है।

कूटनीतिक और राजनीतिक मायने

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप का यह कदम आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया रणनीतिक फैसला हो सकता है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति वार्ता और कूटनीतिक बातचीत की छवि एक बार फिर उन्हें “डीलमेकर” और मजबूत वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत कर सकती है।वहीं किम जोंग उन के लिए यह मुलाकात अमेरिका के साथ तनाव कम करने और आर्थिक प्रतिबंधों में ढील पाने का मौका हो सकती है।

परमाणु मुद्दा अब भी बना बड़ी बाधा

हालांकि ट्रंप बिना शर्त बातचीत को तैयार हैं, लेकिन उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम अभी भी इस संबंध में सबसे बड़ी चुनौती है।संयुक्त राष्ट्र महासभा के हालिया सत्र में उत्तर कोरिया ने दो टूक कहा था कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह बैठक महज एक राजनीतिक स्टंट बनकर रह जाएगी या वाकई इससे कुछ ठोस निकलेगा। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किम जोंग उन से बिना शर्त मिलने की पेशकश वैश्विक राजनीति में बड़ा घटनाक्रम है। इससे अमेरिका-उत्तर कोरिया संबंधों में नए आयाम जुड़ सकते हैं।अब सभी की निगाहें APEC सम्मेलन पर हैं, जहां यह बहुप्रतीक्षित मुलाकात हो सकती है।

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