Thailand Cambodia Peace Deal: ट्रंप की मध्यस्थता में थाईलैंड-कंबोडिया शांति समझौता, आसियान शिखर सम्मेलन में भव्य उपस्थिति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हुए इस करार को 'केएल पीस एकॉर्ड' नाम दिया गया है। ट्रंप ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि उन्होंने 'असंभव' को संभव कर दिखाया है।

Chandan Das
Thai COm

Thailand Cambodia Peace Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रविवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित 47वें आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस मौके पर थाईलैंड और कंबोडिया ने वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद और सैन्य गतिरोध को समाप्त करते हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समझौते की मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाई।

कंबोडिया-थाईलैंड शांति समझौता

कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते में पारस्परिक सीमा सुरक्षा, संयुक्त विकास क्षेत्र और द्विपक्षीय शांति आयोग के माध्यम से निगरानी व्यवस्था शामिल है। इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए महत्वपूर्ण दिन बताया और कहा कि अमेरिका आर्थिक कूटनीति के जरिए शांति को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कंबोडिया के साथ नया व्यापार समझौता और थाईलैंड के साथ रणनीतिक खनिज साझेदारी की घोषणा भी की। ट्रंप ने कहा, “जब तक दोनों देश शांति से रहेंगे, हम उनके साथ व्यापार करेंगे और इससे दोनों देशों की स्थिरता सुनिश्चित होगी।”

कंबोडियाई प्रधानमंत्री ने आभार व्यक्त किया

कंबोडियाई प्रधानमंत्री मानेट ने ट्रंप के निर्णायक नेतृत्व और समझौते को संभव बनाने में उनके अथक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “कोई भी विवाद चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, उसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। यह समझौता नोम पेन्ह और बैंकॉक के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय जोड़ता है।”थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन ने भी ट्रंप की कूटनीतिक पहल की सराहना की और कहा कि यह शांति समझौता स्थिर और समृद्ध भविष्य की नई आशा देता है।

आसियान शिखर सम्मेलन और वैश्विक प्रतिनिधित्व

यह डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र की पहली यात्रा है। तीन दिवसीय सम्मेलन में टैरिफ, दुर्लभ खनिजों तक पहुंच और व्यापार प्रमुख मुद्दे रहे। इस साल पूर्वी तिमोर आसियान का 11वां सदस्य बना।ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने भी सम्मेलन में भाग लिया और कहा कि उनका उद्देश्य ब्राजील और एशियाई देशों के बीच नए व्यापारिक संबंध बनाना है।इस सम्मेलन में अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और रूस समेत कई प्रमुख वैश्विक शक्तियों के नेता शामिल हुए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से भाग लिया।

वैश्विक महत्व

कंबोडिया-थाईलैंड शांति समझौते और आसियान सम्मेलन में ट्रंप की भूमिका दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिरता और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस समझौते से न केवल सीमा विवाद समाप्त हुए हैं, बल्कि व्यापार और रणनीतिक साझेदारी के नए अवसर भी खुले हैं।

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