Donald Trump : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए भारत के कुछ अधिकारियों और कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों के वीजा रद्द कर दिए हैं। अमेरिकी दूतावास ने 18 सितंबर 2025 को इसकी पुष्टि की और बताया कि संबंधित अधिकारियों पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर जैसी खतरनाक ड्रग्स की तस्करी में कथित संलिप्तता का आरोप है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब ट्रंप प्रशासन ने भारत को उन 23 देशों की सूची में शामिल किया है जहां अवैध ड्रग्स का निर्माण और तस्करी की जाती है।
वीजा रद्द, अब अमेरिका में एंट्री बैन
अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फेंटेनाइल जैसे सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरों से अमेरिकी जनता को बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। दूतावास के अनुसार, जिन भारतीय अधिकारियों और कॉर्पोरेट प्रमुखों के वीजा रद्द किए गए हैं, वे अब अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य घोषित किए गए हैं। उनके परिवार के सदस्य भी इस प्रतिबंध के दायरे में आ सकते हैं।
भारत को ड्रग्स तस्करी वाले देशों की सूची में डाला
डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया था जहां ड्रग्स के निर्माण और अवैध तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन देशों को अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होगा, वरना उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका के खिलाफ ड्रग्स नेटवर्क को बढ़ावा देने वाले देशों और संगठनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एफबीआई रिपोर्ट में चीन पर गंभीर आरोप
इस बीच, अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन गुप्त रूप से तीसरे देशों के जरिए अमेरिका में ड्रग्स भेज रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की रणनीति अमेरिकी युवाओं को ड्रग्स की लत में फंसाकर समाज को तबाह करना है। फेंटेनाइल, जिसे ‘चायना व्हाइट’ भी कहा जाता है, हेरोइन से 50 गुना ज्यादा घातक है और इसे चीन द्वारा पूरी दुनिया में फैलाया जा रहा है। FBI डायरेक्टर काश पटेल ने भारत से ड्रग्स तस्करी के खिलाफ सहयोग की अपील की है।
उन्होंने कहा कि फेंटेनाइल के निर्माण में जरूरी रासायनिक कच्चा माल अब भारत जैसे देशों से होकर मैक्सिकन ड्रग कार्टेल्स तक पहुंच रहा है। भारत उपभोक्ता देश नहीं है, लेकिन उसे ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। काश पटेल ने कहा, “भारत यदि अमेरिका का साथ दे, तो इस वैश्विक ड्रग नेटवर्क को तोड़ा जा सकता है।”
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाया गया यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव ला सकता है, हालांकि अमेरिकी दूतावास ने भारत सरकार के सहयोग की सराहना भी की है। अब यह देखना होगा कि भारत इस मसले पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या वह चीन समर्थित ड्रग्स नेटवर्क को खत्म करने के लिए अमेरिका के साथ और मजबूत साझेदारी करता है।
