US Russia Meeting: अमेरिकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में महत्वपूर्ण बैठक हुई। भले ही इस बैठक में यूक्रेन युद्ध को लेकर किसी सीजफायर पर सहमति नहीं बन पाई, लेकिन कुछ अहम मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। खासकर तेल व्यापार को लेकर जो बयान सामने आए हैं, वे रूस से कच्चा तेल आयात करने वाले देशों के लिए राहतभरे हैं।
रूसी तेल पर फिलहाल नहीं लगेगा नया टैरिफ
बैठक के बाद ट्रंप ने संकेत दिए कि वे फिलहाल रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कोई नया टैरिफ लगाने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा, “आज जो हुआ, उसके बाद मुझे लगता है कि नए टैरिफ पर विचार करने की ज़रूरत नहीं है। हां, दो या तीन हफ्तों बाद फिर से सोच सकता हूं।” ट्रंप का यह बयान भारत जैसे देशों के लिए अहम है जो रूस से बड़ी मात्रा में तेल आयात कर रहे हैं। भारत अपने कुल क्रूड ऑयल इंपोर्ट का लगभग 38% हिस्सा रूस से खरीदता है।
टैरिफ की धमकी से पुतिन दबाव में आए: ट्रंप का दावा
ट्रंप ने बातचीत में यह भी दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति के कारण ही रूस ने इस बैठक के लिए सहमति दी। उन्होंने कहा कि, “जब मैंने भारत से कहा कि हम आप पर टैरिफ लगाएंगे क्योंकि आप रूस से तेल खरीद रहे हैं, तो भारत ने तेल खरीदना कम कर दिया। इसके बाद ही रूस ने मुझसे मुलाकात की मांग की।” ट्रंप ने आगे कहा कि रूस ने भारत जैसे बड़े ग्राहक को खो दिया है और चीन के साथ उसके व्यापारिक संबंध भी अब दबाव में हैं।
भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था और चीन के काफी करीब पहुंच चुका था। मौजूदा समय में चीन, रूस से सबसे अधिक तेल आयात करता है। ट्रंप के मुताबिक, भारत पर टैरिफ लगाने के बाद रूस को अपना रुख बदलना पड़ा और बातचीत की मेज पर आना पड़ा।
भारत ने कहा- तेल खरीद जारी रहेगी, नीति में बदलाव नहीं
इस बीच भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि उसकी ऊर्जा नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन ए.एस. साहनी ने गुरुवार को कहा कि “रूसी तेल आयात पर कोई रोक नहीं है, और हम केवल आर्थिक आधार पर खरीदारी करते रहेंगे।” इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने ट्रंप द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को “अनुचित और एकतरफा” करार दिया।
ट्रंप ने लगाया था 25% अतिरिक्त शुल्क, कुल टैरिफ 50% तक पहुंचा
पिछले सप्ताह, ट्रंप ने भारत से अमेरिकी उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त 25% शुल्क की घोषणा की थी, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है। यह टैरिफ भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के विरोध में लगाया गया था। यह कदम भारत के करीब 40 अरब डॉलर के निर्यात व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
हालांकि अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन बैठक से सीजफायर की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, लेकिन ट्रंप के रुख से फिलहाल रूसी तेल आयात करने वाले देशों को राहत मिली है। भारत ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी ऊर्जा नीति को राजनीतिक दबाव में नहीं बदलेगा। लेकिन आने वाले हफ्तों में अमेरिकी नीति में फिर बदलाव हो सकता है -इसकी संभावना ट्रंप ने खुद जताई है।
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