Trump Cabinet Meeting News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) को लेकर सुर्खियों में हैं। गुरुवार सुबह व्हाइट हाउस में हुई कैबिनेट मीटिंग में ट्रंप ने एक बार फिर खुद को नोबेल पुरस्कार का प्रबल दावेदार बताया। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने अब तक 7 बड़े युद्ध और संघर्ष खत्म कराए हैं, और अब गाजा-इजराइल संघर्ष उनका 8वां मिशन है।
7+7+7 फॉर्मूला
कैबिनेट बैठक में ट्रंप ने कहा “सिर्फ 7 महीनों में मैंने 7 ऐसे युद्ध खत्म किए जो दशकों से चलते आ रहे थे। ये युद्ध कभी खत्म नहीं हो सकते थे, फिर भी हमने उन्हें खत्म किया। इसलिए मुझे 7 नोबेल पुरस्कार मिलने चाहिए।”ट्रंप ने इस बयान के साथ ‘7+7+7 फॉर्मूले’ की चर्चा की, जो अब अमेरिकी मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ युद्ध 31 साल, कुछ 36 साल से चल रहे थे और इनमें हजारों लोग मारे जा चुके थे।
ट्रंप ने गिनाए ‘शांति के युद्ध’
राष्ट्रपति ट्रंप ने उन संघर्षों की सूची भी दी, जिन्हें उनके अनुसार उनके कार्यकाल में सुलझाया गया। उन्होंने कहा कि इन मामलों में अमेरिका की कूटनीति और व्यक्तिगत मध्यस्थता ने निर्णायक भूमिका निभाई। संघर्षों की सूची में शामिल हैं:
कंबोडिया और थाईलैंड
सर्बिया का क्षेत्रीय विवाद
कांगो और रवांडा का सीमा संघर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव
इजराइल और ईरान
मिस्र और इथियोपिया का जल विवाद
आर्मेनिया और अजरबैजान का नागोर्नो-काराबाख मुद्दा
गाजा संघर्ष को बताया ‘8वां मिशन’
कैबिनेट बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि गाजा-इजरायल संघर्ष उनका आठवां शांति मिशन है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी मध्यस्थता से यहां भी युद्धविराम (Ceasefire) और बंधकों की रिहाई का रास्ता खुलेगा। उन्होंने इस समझौते को “ऐतिहासिक” बताते हुए दावा किया कि इससे मिडिल ईस्ट में स्थायी शांति संभव होगी।
नोबेल पुरस्कार पर फिर उठी मांग
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल पुरस्कार की खुलकर मांग की है। वे इससे पहले भी कई मंचों पर यह दावा कर चुके हैं कि उन्हें वैश्विक शांति स्थापित करने के प्रयासों के लिए यह पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि, नोबेल कमेटी की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयानों से अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा में हैं। ‘7 युद्ध समाप्त कर 7 नोबेल पुरस्कार’ की उनकी मांग अब अमेरिकी राजनीति में बहस का मुद्दा बन गई है। गाजा में शांति स्थापना के प्रयास और मिडिल ईस्ट में ट्रंप की भूमिका को लेकर आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उन्हें वाकई नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया जाता है या नहीं।
