Raghuram Rajan on Trump Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इस फैसले के चलते कपड़ा, हीरा और झींगा जैसे प्रमुख कारोबार पर बड़ा असर पड़ने वाला है। नई टैरिफ नीति के कारण भारतीय निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है।
रघुराम राजन ने जताई चिंता
बताते चले कि, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने इस टैरिफ को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “भारत के लिए किसी एक व्यापारिक साझेदार पर अधिक निर्भर रहना आपदा के समान है और यह कदम एक बड़ी चेतावनी है।”उन्होंने आगाह किया कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में व्यापार, निवेश और वित्त को तेजी से हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य की रणनीति में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए और संतुलित नीति अपनानी चाहिए।
8.5% विकास दर हासिल करने पर दिया जोर
इसी कड़ी में आगे उन्होंने कहा कि, “हमें किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भर नहीं होना चाहिए। हमें पूर्व की ओर, यूरोप की ओर और अफ्रीका की ओर भी देखना चाहिए। अमेरिका के साथ संबंध बनाए रखना जरूरी है, लेकिन साथ ही ऐसे सुधार करने होंगे, जो हमें युवाओं को रोजगार देने के लिए आवश्यक 8-8.5% विकास दर दिला सकें।”
भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ
बुधवार से लागू इस नए टैरिफ के तहत भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले कई उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगाया गया है। इसके अलावा, भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त जुर्माना भी जोड़ा गया है। वहीं, रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक चीन और यूरोप पर ऐसा कोई बड़ा टैरिफ नहीं लगाया गया।
रूसी तेल आयात नीति पर पुनर्विचार की सलाह
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने सुझाव दिया कि भारत को अपनी रूसी तेल आयात नीति की समीक्षा करनी चाहिए। रघुराम राजन ने कहा, “हमें यह देखना होगा कि किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान। रिफाइनर तो भारी मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन निर्यातक टैरिफ के बोझ तले दब रहे हैं। अगर लाभ सीमित है, तो हमें सोचना होगा कि यह खरीदारी जारी रखना सही है या नहीं।”
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