Trump Tariff on Furniture: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा आर्थिक ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी सरकार फर्नीचर आयात पर टैरिफ लगाने पर विचार कर रही है। यह कदम उनकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें विदेशी उत्पादों पर शुल्क लगाकर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना शामिल है।ट्रंप ने यह साफ किया कि अगले 50 दिनों में इस प्रस्ताव की जांच पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद यह तय होगा कि अन्य देशों से अमेरिका में आने वाले फर्नीचर पर कितना आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया जाए। उनका मानना है कि इस कदम से अमेरिकी उद्योग को फिर से ताकत मिलेगी और कंपनियां अमेरिका के भीतर ही उत्पादन करने पर मजबूर होंगी।
अमेरिका में फर्नीचर उद्योग की पुरानी स्थिति
एक समय था जब अमेरिका का फर्नीचर उद्योग बेहद मजबूत था। 1979 में इस सेक्टर में करीब 12 लाख लोग कार्यरत थे, लेकिन 2023 तक यह संख्या घटकर सिर्फ 3.4 लाख रह गई। इसका मुख्य कारण विदेशों में कम लागत पर उत्पादन और बढ़ती आउटसोर्सिंग रहा है। ट्रंप का दावा है कि यदि फर्नीचर आयात पर टैरिफ लगाया गया तो देश में रोजगार के अवसर दोबारा बढ़ेंगे और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बल मिलेगा।
फर्नीचर हब वाले राज्यों पर विशेष ध्यान
अपने बयान में ट्रंप ने खासतौर पर नॉर्थ कैरोलाइना, साउथ कैरोलाइना और मिशिगन जैसे राज्यों का उल्लेख किया, जो कभी अमेरिका के फर्नीचर उद्योग के प्रमुख केंद्र हुआ करते थे। अब यह राज्य बेरोजगारी और आर्थिक गिरावट से जूझ रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि टैरिफ लगाने से यहां फैक्ट्रियां फिर से खुलेंगी और स्थानीय लोग रोजगार पाएंगे।
शेयर बाजार में दिखा असर
ट्रंप की इस घोषणा का असर अमेरिकी शेयर बाजार पर भी पड़ा है। Wayfair, RH और Williams-Sonoma जैसी फर्नीचर कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, क्योंकि ये कंपनियां अधिकतर उत्पाद विदेशों से आयात करती हैं। वहीं La-Z-Boy जैसी अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, जो अमेरिका में ही निर्माण करती है, उसके शेयरों में तेजी आई।
कानूनी प्रक्रिया और जांच जारी
यह प्रस्ताव 1962 के ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट की धारा 232 के तहत जांच में है, जिसके अनुसार सरकार उन उत्पादों पर टैरिफ लगा सकती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े माने जाते हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह टैरिफ मौजूदा शुल्क के अतिरिक्त होगा या उसकी जगह लेगा।
क्या भारत पर पड़ेगा असर?
ट्रंप के इस प्रस्ताव का असर भारत पर भी संभावित है। भारत, अमेरिका को फर्नीचर का बड़ा निर्यातक है। यदि टैरिफ लागू होता है तो भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना महंगा और कठिन हो जाएगा। इससे भारतीय फर्नीचर एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है।
