Trump On Gaza Crisis: गाजा संकट पर ट्रंप की दो टूक, “3-4 दिन में समझौता करो वरना अंजाम दर्दनाक होंगे”

Chandan Das
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Trump On Gaza Crisis: इजरायल और हमास के बीच जारी भीषण युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक 20-सूत्रीय शांति प्रस्ताव पेश किया है। ट्रंप ने हमास को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वह 3-4 दिनों के भीतर प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता, तो इसके “बहुत दर्दनाक परिणाम” होंगे।

शांति समझौते पर सभी हस्ताक्षर कर चुके, अब बारी हमास की

ट्रंप ने साफ कहा कि “इजरायल, सभी अरब देश और मुस्लिम राष्ट्र इस प्रस्ताव पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं। हमास के पास अब ज्यादा वक्त नहीं है। वह या तो इस पर हस्ताक्षर करे या फिर इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहे।”यह बयान ट्रंप ने सोमवार, 29 सितंबर 2025, को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत के बाद जारी किया।

हमास ने शुरू की आंतरिक चर्चा

AFP की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमास ने अपने राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के साथ प्रस्ताव पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। अधिकारी ने कहा,“यह मुद्दा बहुत पेचीदा है, इसलिए इसमें कई दिन लग सकते हैं।”

ट्रंप की 20-सूत्रीय योजना में क्या है खास?

ट्रंप द्वारा प्रस्तुत गाजा शांति योजना में प्रमुख बिंदु शामिल हैं:

  • युद्धविराम की तत्काल घोषणा

  • हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी नागरिकों को 72 घंटे के भीतर रिहा करना

  • गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाना

  • गाजा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू करना

  • फलस्तीनी नागरिकों के विस्थापन पर रोक

भारत, चीन, रूस और अरब देशों का समर्थन

ट्रंप की इस शांति योजना को अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी मिल रहा है। भारत, चीन, रूस, और आठ प्रमुख मुस्लिम और अरब देशों ने इस योजना का स्वागत किया है।

इन देशों में शामिल हैं:

  • जॉर्डन

  • कतर

  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE)

  • इंडोनेशिया

  • पाकिस्तान

  • तुर्किए (तुर्की)

  • सऊदी अरब

  • मिस्र

इन देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में ट्रंप की पहल को “क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास” बताया। गाजा संकट को खत्म करने के लिए अमेरिका द्वारा रखी गई शांति योजना को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक समर्थन मिल चुका है। ट्रंप का स्पष्ट संदेश है – “समझौता करो या परिणाम भुगतो”। अब सारी निगाहें हमास पर टिकी हैं कि वह आने वाले 3-4 दिनों में क्या रुख अपनाता है।

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