Zubeen Garg Death Case: असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत की जांच लगातार गहराती जा रही है। इस मामले में शुक्रवार को असम पुलिस की SIT और CID ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जुबीन के दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स (PSO) को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए अधिकारियों के नाम नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य हैं, जो लंबे समय से जुबीन की सुरक्षा में तैनात थे।
इस गिरफ्तारी के साथ ही इस हाई-प्रोफाइल केस में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पहले से गिरफ्तार आरोपियों में जुबीन के चचेरे भाई और पुलिस विभाग के DSP संदीपन गर्ग, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, सह-गायिका अमृतप्रभा महंत, फेस्टिवल आयोजक श्यामकनु महंत और बैंड के ड्रम मास्टर शेखर ज्योति गोस्वामी शामिल हैं।
क्या हुआ था सिंगापुर में?
यह घटना 19 सितंबर की है, जब जुबीन गर्ग एक निजी दौरे पर सिंगापुर गए थे। वहां वे स्कूबा डाइविंग के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में समुद्र में डूब गए। शुरुआती रिपोर्ट में मौत का कारण “डूबना” बताया गया। लेकिन बाद में कुछ चश्मदीद गवाहों, वायरल वीडियो, और परिवार के आरोपों ने मामले को हत्या या साजिश की दिशा में मोड़ दिया।
नई जांच के लिए दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, लेकिन सरकार मौन
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर 23 सितंबर को जुबीन का दूसरी बार पोस्टमॉर्टम गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में किया गया। लेकिन 17 दिन बीत जाने के बाद भी यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
सरकार की इस चुप्पी से कई सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया और सिंगर के प्रशंसकों में गुस्सा है कि आखिर सच को क्यों छिपाया जा रहा है? मुख्यमंत्री सरमा ने अपने बयान में कहा कि, “रिपोर्ट को सार्वजनिक करना फिलहाल कानूनी रूप से अमान्य होगा।”
साजिश के पीछे क्या कारण?
मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस केस में अब तीन प्रमुख एंगल्स की जांच हो रही है:
आर्थिक हित: जुबीन गर्ग की संपत्ति और रॉयल्टी से जुड़े विवाद।
पेशेवर जलन: म्यूजिक इंडस्ट्री में प्रतिद्वंद्विता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ती लोकप्रियता।
जबरन डुबोने या ज़हर देने की आशंका: CID को संदेह है कि स्कूबा डाइविंग के नाम पर जुबीन को जानबूझकर ऐसी स्थिति में डाला गया, जिससे उनकी जान जा सके।
जनता की मांग: रिपोर्ट को जल्द सार्वजनिक किया जाए
असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत में जुबीन गर्ग के लाखों प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर #JusticeForZubeen अभियान शुरू कर दिया है। वे मांग कर रहे हैं कि दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तुरंत सार्वजनिक की जाए और असली दोषियों को सजा मिले। जुबीन गर्ग की मौत महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक जटिल साजिश हो सकती है। पुलिस और SIT जांच में तेजी जरूर आई है, लेकिन जब तक दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक सच्चाई पर से पर्दा उठना मुश्किल है। सरकार की पारदर्शिता पर उठते सवाल इस केस को और गंभीर बना रहे हैं।
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