UMEED Portal Deadline: भारत में वक्फ संपत्तियों की डिटेल अब UMEED पोर्टल पर अपलोड नहीं की जाएगी। केंद्र सरकार ने छह महीने पहले जून 2025 में UMEED पोर्टल शुरू किया था। इसके तहत सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज करना अनिवार्य था। पोर्टल पर डिटेल्स अपलोड करने की समयसीमा 5 दिसंबर थी। हालांकि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में स्पष्ट किया कि इस समयसीमा को आगे बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है।
UMEED Portal Deadline: जुर्माने और सजा में तीन महीने की राहत
मंत्री रिजिजू ने यह भी बताया कि वक्फ संपत्तियों की जानकारी देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और संगठनों को अगले तीन महीने तक जुर्माने और सजा से राहत दी जाएगी। यह राहत इसलिए दी जा रही है ताकि अंतिम समय में अपलोडिंग प्रक्रिया पूरी हो सके। UMEED अधिनियम, 1995 और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार छह महीने की निर्धारित अवधि पूरी होने के कारण पोर्टल पर संपत्ति की अपलोडिंग अब बंद कर दी गई है।
UMEED Portal Deadline: दो लाख से ज्यादा संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन पूरा
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि अब तक 2 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। रजिस्ट्रेशन न कर पाने वाले वक्फ ट्रस्ट अब वक्फ ट्रिब्यूनल का रुख कर सकते हैं। UMEED पोर्टल की शुरुआत 6 जून 2025 को हुई थी। इसका उद्देश्य सभी वक्फ संपत्तियों की डिजिटल सूची तैयार करना और ‘जियो-टैगिंग’ के माध्यम से सम्पत्तियों का समुचित डेटा संकलित करना था।
पोर्टल पर कुल 5 लाख से अधिक संपत्तियां शामिल
मंत्रालय के अनुसार, पोर्टल पर अब तक 5 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियों को शामिल किया गया है। इनमें से 2 लाख से अधिक संपत्तियों को अंतिम रूप से मंजूरी (एप्रूवल) दे दी गई है। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि UMEED पोर्टल ने वक्फ संपत्तियों की डिजिटल सूची बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
10,869 संपत्तियां अस्वीकृत
मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि निर्माताओं द्वारा 2,13,000 से अधिक संपत्तियों की जानकारी अपलोड की गई थी। सत्यापन के दौरान इनमें से 10,869 संपत्तियों को अस्वीकृत कर दिया गया। मंत्रालय ने बताया कि समीक्षा बैठकों, प्रशिक्षण कार्यशालाओं और सचिव स्तर तक उच्च-स्तरीय हस्तक्षेपों ने प्रक्रिया को गति प्रदान की, जिससे अंतिम दिनों में अपलोडिंग तेज़ हुई।
समयसीमा बढ़ाने का विकल्प नहीं
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की समयसीमा निर्धारित की थी, जिसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा, “ट्रिब्यूनल छह महीने तक सीमित समय के लिए इसे आगे बढ़ा सकता है, लेकिन संसद ने वक्फ संशोधन अधिनियम पारित कर दिया है, इसलिए कानून में बदलाव करना संभव नहीं है।”
कानून और राहत का संतुलन
मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को अधिकतम राहत देना है, लेकिन कुछ चीजें कानून से बंधी हैं। UMEED पोर्टल के माध्यम से अब वक्फ संपत्तियों का डेटा व्यवस्थित रूप से दर्ज हो चुका है और आगे कोई नई अपलोडिंग नहीं होगी। नए नियमों से वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और डिजिटल ट्रैकिंग सुनिश्चित होगी।
Read More: Humayun Kabir: एक लाख लोगों का कुरान पाठ कराने का संकल्प, हुमायूं कबीर ने दिया संदेश
